किसने, किससे कहा? "पिछली शताब्दी में पत्र लेखन ने एक कला का रूप ले लिया।‘’
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पंडित जवाहर लाल नेहरू ने
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पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी पत्र के महत्त्व को माना है। लेखक कहते हैं कि २०वीं शताब्दी में पत्र केवल संचार का साधन ही नहीं अपितु एक कला मानी गई है। इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया तथा कई पत्र लेखन प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई
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" पिछली शताब्दी में पत्र लेखन ने एक कला का रूप ले लिया । " यह पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा।
- सन 1953 में पंडित नेहरू ने कहा था कि पुराने जमाने में एक जगह से दूसरे जगह राजा महाराजा संदेश या मैसेज अपने दूतों द्वारा है भेजा करते थे या पुराने जमाने में तेज दौड़ने वाले घोड़े संदेश पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।
- उसके बाद पहियों का आविष्कार हुआ व यातायात के साधनों में वृद्धि हुई। फिर एक जगह से दूसरी जगह संदेश पहुंचाना आसान हो गया।
- रेलवे, बस व तार से अधिक बदलाव आया। यदि संक्षेप में मैसेज पहुंचाना होता तो तार द्वारा भेजा जाता था।
- अब तो नए नए संचार के साधनों का विकास हो रहा है। नए साधनों कर कारण प्रगति हो रही है।
- बहुत ही तेज गति से संदेश पहुंचाने का सिलसिला बदल रहा है।
- पिछली शताब्दी में पत्र लेखन ने एक कला का रूप ले लिया है।
- पत्रों को सही दिशा देने के विशेष प्रयास डाक व्यवस्था में सुधार के साथ ही रहे है।
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