Hindi, asked by ronny46, 1 year ago

(क) सप्रसंग व्याख्या करो ।।
1. आगे कह मृदु बचन बनाई । पाछे अनहित मन कुटिलाई ।।
जाकर चित अहि गति समभाई। अस कमित्र परिहरहिं भलाई।।
प्रसंग
व्याख्या---
विशेष-1. भाषा-अवधी, 2. छंद-चौपाई।​

Answers

Answered by shishir303
3

                दोहा - संंदर्भ सहित सप्रसंग व्याख्या

आगे कह मृदु बचन बनाई । पाछे अनहित मन कुटिलाई ।।

जाकर चित अहि गति समभाई । अस कुमित्र परिहरहिं भलाई।।

संदर्भ- प्रस्तुत पंक्तियां ‘गोस्वामी तुलसीदास’ द्वारा रचित ‘श्रीरामचरित मानस’ महाकाव्य से ली गईं हैं।

प्रसंग — पंक्तियों में उस प्रसंग का वर्णन है, जब भगवान श्रीराम वानरराज सुग्रीव को उपदेश दे रहे हैं। ये प्रसंग रामचरित मानस के किष्किन्धाकाण्ड का है।

व्याख्या — तुलसीदास जी कहते हैं कि कुछ लोग ऐसे होते कि आपके सामने तो आपसे मीठा-मीठा बोलेंगे। आपसे अच्छी-अच्छी बाते करेंगे। परन्तु ये लोगआपकी पीठ पीछे आपकी ही निंदा करते हैं। आपका बुरा होने की कामना करते हैं। ऐसा मित्र जो आपके सामने तो आपसे चिकनी चुपड़ी बातें करे और आपके पीछे आपके प्रति कुटिलता का भाव रखे। ऐसा व्यक्ति जिसका मन साँप की चाल के समान टेढ़ा हो, ऐसे कुमित्रों से सदैव बचकर रहने में ही भलाई है।

Similar questions