History, asked by amarchandchoudhary40, 1 month ago

किससे प्रेरित होकर सम्राट अशोक ने अपनी प्रजा को अभिलेख के माध्यम से संबोधित किया​

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Answered by snehanahak27
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Answer:

उसने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। अशोक के अभिलेखों में प्रजा के प्रति कल्याणकारी द्रष्टिकोण की अभिव्यक्ति की गई है।

Answered by kaddoo
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Explanation:

महान समराट अशोका :

संसार के इतिहास में केवल 3 राजाओं को ही उनके नाम के साथ ‘महान’ कहकर सम्भोदित किया जाता है एक अलेक्जेंडर दुसरे अकबर और हमारे अपने महान समराट अशोका

ashoka

भारत का सम्पूर्ण इतिहास विदेशिओं द्वारा हारने का इतिहास है केवल बौध मत के रहा अशोक ही एक्मात्र ऐसे मूल भारतीय राजा हुए जिन्होंने सरे हुन्दुस्तान समेत आज का नेपाल बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान अदि को एक देश और एक झंडे के नीचे जीत लिए थे। केवल जीता ही नहीं बल्कि अपनी प्रजा को अपने बच्चों के समान प्रेम किया और बेहतरीन सुशाशन दिया जिसकी याद में आज भी हमारा रास्ट्र चिन्ह अशोक स्थंभ और झंडे पर अशोक चक्र है ।

संसार के इतिहास में केवल 3 राजाओं को ही उनके नाम के साथ ‘महान’ कहकर सम्भोदित किया जाता है एक अलेक्जेंडर दुसरे अकबर और हमारे अपने महान समराट अशोक

सम्राट अशोक को अपने विस्तृत साम्राज्य के बेहतर कुशल प्रशासन तथा बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए जाना जाता है। जीवन के उत्तरार्ध में अशोक गौतम बुद्ध के भक्त हो गए और उन्हीं (महात्मा बुद्ध) की स्मृति में उन्होंने एक स्तम्भ खड़ा कर दिया जो आज भी नेपाल में उनके जन्मस्थल-लुम्बिनी में मायादेवी मन्दिर के पास अशोक स्‍तम्‍भ के रूप में देखा जा सकता है। उसने बौद्ध धर्म का प्रचार भारत के अलावा श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्तान, पश्चिम एशिया, मिस्र तथा यूनान में भी करवाया। अशोक के अभिलेखों में प्रजा के प्रति कल्याणकारी द्रष्टिकोण की अभिव्यक्ति की गई है।

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