Biology, asked by kumarramparvesh180, 5 months ago

का सश्लेषण कहाँ होता है?
41. क्रोमोसोम के दोनों क्रोमैटिड्स किस स्थान पर एक-दूसरे से संयोजित रहते हैं?
42. क्रोमोसोम के शीर्ष भाग को क्या कहा जाता है?
43. मानव शरीर की कोशिकाओं में कितने क्रोमोसोम पाए जाते हैं?
44. कोशिका का आकार एवं आकृति किसके अनुरूप होती है?
45. माइटोकॉण्ड्रिया कहाँ पाए जाते हैं?
46. रंगहीन या श्वेत प्लैस्टिड को क्या कहते हैं?
47. गॉल्जी उपकरण में पाई जानेवाली चारों तरफ से झिल्ली से घिरी हुई अनेक समानांतर नलिकाओं के समूह को क्या कहते हैं?
48. क्लोरोप्लास्ट के भीतर विद्यमान तरलयुक्त गुहा को क्या कहा जाता है?
49. किस संरचना के अभाव में वायरस में सजीवों का लक्षण परिलक्षित नहीं होता है?
50. फूलों में विभिन्न रंग प्रदान करनेवाले प्लैस्टिड को क्या कहते हैं?​

Answers

Answered by rohan3452
0

Answer:

गुणसूत्र या क्रोमोज़ोम (Chromosome) सभी वनस्पतियों व प्राणियों की कोशिकाओं में पाये जाने वाले तंतु रूपी पिंड होते हैं, जो कि सभी आनुवांशिक गुणों को निर्धारित व संचारित करते हैं। प्रत्येक प्रजाति में गुणसूत्रों की संख्या निश्चित रहती हैं। मानव कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या ४६ होती है जो २३ के जोड़े में होते हैं। इनमे से २२ गुणसूत्र नर और मादा में समान और अपने-अपने जोड़े के समजात होते हैं। इन्हें सम्मिलित रूप से समजात गुणसूत्र (Autosomes) कहते हैं। २३वें जोड़े के गुणसूत्र स्त्री और पुरूष में समान नहीं होते जिन्हे विषमजात गुणसूत्र (heterosomes) कहते हैं। . गुणसूत्र केन्द्रक मे धागेनुमा सरचना होती हैं या क्रोमोज़ोम (Chromosome) सभी वनस्पतियों व प्राणियों की कोशिकाओं में पाये जाने वाले तंतु रूपी पिंड होते हैं, जो कि सभी आनुवांशिक गुणों को निर्धारित व संचारित करते हैं। प्रत्येक प्रजाति में गुणसूत्रों की संख्या निश्चित रहती हैं। मानव कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या ४६ होती है जो २३ के जोड़े में होते हैं। इनमे से २२ गुणसूत्र नर और मादा में समान और अपने-अपने जोड़े के समजात होते हैं। संपादित करें गुणसूत्र की संरचना में दो पदार्थ विशेषत: संमिलित रहते हैं-

गुण सूत्र का चित्र १ क्रोमेटिड २ सेन्ट्रोमियर ३ छोटी भुजा ४ लम्बी भुजा

(1) डिआक्सीरिबोन्यूक्लीइक अम्ल (Deoxyribonucleic acid) या डी एन ए (D N A), तथा (2) हिस्टोन (Histone) नामक एक प्रकार का प्रोटीन। डी एन ए ही आनुवंशिक (hereditary) पदार्थ है। डी एन ए (D N A) अणु की संरचना में चार कार्बनिक समाक्षार सम्मिलित होते हैं : दो प्यूरिन (purines), दो पिरिमिडीन्स (pyrimidines), एक शर्करा-डिआक्सीरिबोज (Deoxyribose) और फासफ़ोरिक अम्ल (Phosphoric acid)। प्यूरिन में ऐडिनिन (Adenine) और ग्वानिन (Guanine) होते है और पिरिमिडीन में थाइमीन (Thymine) और साइटोसिन (Cytosine)। डी एन ए (D N A) के एक अणु में दो सूत्र होते हैं, जो एक दूसरे के चारों और सर्पिल रूप में वलयित (spirallyicoiiled) होते है। प्रत्येक डी एन ए (D N A) सूत्र में एक के पीछे एक चारों कार्बनिक समाक्षार इस क्रम से होते हैं-थाइमीन, साइटोसिन, ऐडिनीन और ग्वानिन, एवं वे परस्पर एक विशेष ढंग से जुड़े होते हैं।

इन चार समाक्षारों और उनसे संबंधित शर्करा और फास्फोरिक अम्ल अणु का एक एकक टेट्रान्यूक्लीओटिड (Tetranucleotide) होता है और कई सहस्त्र टेट्रान्यूक्लीओटिडों का एक डी एन ए (D N A) अणु बनता है।

जुड़े ही रह जाते हैं। महागुणसूत्र की संख्या साधारण गुणसूत्र की संख्या की आधी होती है, क्योंकि प्रत्येक सूत्र अपने समान दूसरे सूत्र से युग्मित हो जाता है। इस घटना को दैहिक युग्मन (Somatic pairing) कहते हैं।

जंतुओं में विचित्र प्रकार का एक और भी गुणसूत्र पाया जाता है। इसक लैंपब्रश गुणसूत्र (Lampbrush chromosome) कहते हैं। ये गुणसूत्र ऐसे जंतुओं के अंडों के केंद्रकों में पाए जाते हैं जिनमें अंडपीत की मात्रा अधिक होती है, जैसे मछली, उभयचर, उरग, पक्षीगण इत्यादि। गुणसूत्र साधारण डिप्लोटीन-डायाकिनीसिस (Diplotene-diakinesis) गुणसूत्रों के समान दो दो युग्मित सूत्रों के बने होते हैं। दोनों युग्मित सूत्र कुछ स्थानों पर एक दूसरे से जुड़े होते हैं और शेष स्थानों पर एक दूसरे से दूर-दूर रहते हैं। इन जोड़ों को किएज्मा समझा जाता है। प्रत्येक सूत्र पर, जिसकों क्रोमोनिमा (Chromonema) कहते हैं, स्थान स्थान पर विभिन्न परिसाण की कणिकाएँ होती हैं जिनको क्रोमोमियर्स (Chromomeres) कहते हैं। प्रत्येक क्रोमोमियर से एक जोड़ी या अधिक पार्श्वपाश (lateral loops) जुड़े हुए होते है। पार्श्वपाश भी क्रोमोनिमा के सदृश सूत्र का बना होता है, परंतु इसके चारों ओर रिबोन्यूक्लिओ-प्रोटीन कणिकाएँ एकत्रित हो जाती हैं जिससे ये सूत्र मोटे दिखाई देते हैं। क्रोमोमियर भी क्रोमोनिमा से संतत होते हैं। केंद्रकाएँ विशेष गुणसूत्र पर उत्पन्न होती हैं।

अधिकांश जंतुओं की प्रत्येक कोशिका में गुणसूत्रों के दो एकात्म कुलक होते हैं। परिपक्व लिंगकोशिकाओं (mature sex-cells) में एक कुलक रह जाता है। ऐसे प्राणी और कोशिकाएँ द्विगणित (diploid) कही जाती हैं, परंतु कुछ प्राणियों, विशेषत: पौधों, में दो से अधिक कुलक गुणसूत्रों के होते हैं यह बहुगुणित (polyploid) कहे जाते हैं।

यदि किसी द्विगुणित प्राणी के केंद्रकसुत्र दुगुने हो जाए, जिससे उसकी कोशिकाएँ में प्रत्येक सूत्र चार चार हों जैसे, (क1 क1 क1 क1; ख1 ख1 ख1 ख1, ग1 ग1 ग1 ग1 इत्यादि) तो ऐसे प्राणी का आटोपॉलिप्लॉइड (आटीटेट्राप्लॉइड) [autopolyploid (autotetraploid)] कहते हैं। यदि किसी द्विगुणित संकर (deploid hybrid) के गुणसूत्र दुगुने हो जाए तो ऐसे प्राणी को ऐलोपॉलिप्लॉइड (allopolyploid) कहते हैं। यदि एक द्विगुणित प्राणी का, जिसके केंद्रकसुत्र क1 क1 ख1 ख1 ग1 ग1 इत्यादि हैं, किसी दूसरे प्राणी से, जिसके गुणसूत्र क2 क2 ख2 ख2 ग2 ग2 इत्यादि हैं, संकरण किया जाए तो उसकी संतान के गुणसूत्र क1 क2 ख1 ख2 ग1 ग2 इत्यादि होंगे। क1 क2 ख1 ख2 इत्यादि एक दूसरे से भिन्न होंगे और इनमें साधारणत: युग्मन नहीं होगा। यदि इस प्राणी के गुणसूत्र दुगुने हो जाए तो उनकी कोशिकाएँ में क1 क1 क2 क2; ख1 ख1ख2 ख2; ग1 ग1 ग2 ग2, इत्यादि गुणसूत्र होंगे। यह ऐलोपॉलिप्लॉइड (ऐलोटेट्राप्लॉइड) कहा जाएगा। पॉलिप्लॉइड में चार से अधिक कुलक भी हो सकते हैं।

णसूत्र या तो अ

Similar questions