(क) सदैव इत्यस्मिन प
दे संधिः अस्ति।
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विभवमापी की सुग्राहिता बढ़ाने के लिए विभवमापी के तार की लम्बाई बढ़ा दी जाती है जिस कारण विभव-प्रवणता कम हो जाती है और शून्य विक्षेप की स्थिति की दूरी (l) अधिक लम्बाई पर आती है।
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