कुशाल कुमार कोयला का नियम का क्या खाना बनाया
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झारखंडसरकार ने राज्य में कोयला उठाव के नियमों में बदलाव किया है। अब कोयला कारोबारी सीधे कोयले के नीलामी में भाग नहीं ले सकेंगे। पहले उन्हें खनन विभाग से स्वीकृति लेनी होगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसके बाद ही वे कोयला कंपनियों से कोयला ले सकेंगे।
सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कारोबारी ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। धनबाद के जिला खनन पदाधिकारी प्रदीप कुमार साव ने बताया कि बुधवार तक जिले में कोयले के उठाव के लिए देश भर से 150 आवेदन विभाग के पास पहुंच चुके हैं। उन सभी के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
खरीदनेका कारण और बताना होगा
नएनियमों के मुताबिक, कारोबारियों को इस बात की जानकारी सरकार को देनी होगी कि वे कोयला क्यों खरीदना चाहते हैं। यह भी बताना होगा कि वे उस कोयले को किस राज्य और शहर में बेचेंगे। दरअसल, राज्य सरकार को कारोबारियों से सही तरीके से टैक्स नहीं मिल पा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए ही नियमों में बदलाव किए गए हैं। अब सरकार झारखंड से खरीदे गए एक-एक टन कोयले का हिसाब रखना चाहती है।
~5 हजार देने होंगे रजिस्ट्रेशन के लिए
कोयलाखरीद के पहले रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन के साथ कारोबारियों को 5 हजार रुपए का शुल्क जमा करना होगा। साथ ही सिक्यूरिटी मनी के रूप में भी 10 हजार रुपए जमा करने होंगे। आवेदन और दस्तावेजों की जांच के बाद कारोबारियों के रिकॉर्ड के आधार पर कोयला खरीद में शामिल होने की इजाजत दी जाएगी।
एजेंसीमेटल जंक्शन की स्वीकृति भी जरूरी
कोलकंपनियों के ई-ऑक्शन में शामिल होने के लिए कारोबारियों को भारत सरकार से मान्यता प्राप्त एजेंसी मेटल जंक्शन से भी ऑथराइजेशन लेनी होगी। इस एजेंसी की स्वीकृति के बगैर कोई नीलामी में भाग नहीं ले सकेगा।
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