काश! मैं दफ्तर का बॉस होता।100 words
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सपना-देशभक्ति के इन संस्कारों के कारण मैं जब भी अपने भविष्य का स्वप्न बुनता हूँ तो एक भारतीय सैनिक या फौजी अफसर मेरी आँखों के सामने खड़ा हो जाता है। मैं चाहता हूँ कि बड़ा होकर तन-मन-धन से देशसेवा करूँ। देशसेवा का सबसे कठिन, चुनौतीपूर्ण और वीरतापूर्ण मार्ग है-सैनिक बनकर दुश्मन के छक्के छुड़ाना। यह मार्ग बलिदान का मार्ग है। इसमें पल-पल प्राणों का खतरा रहता है। प्रशिक्षण से लेकर युद्ध के मोर्चे तक, आपातकालीन सेवाओं से लेकर दंगा-फसाद रोकने तक सभी काम साहसिक एवं खतरनाक होते हैं। खतरों में जीवन का पूरा रस सिमट आता है। मेरा यही विश्वास है कि-
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