किशोरावस्था में किशोर किशोरियों में होने वाली लैंगिक परिवर्तनों को समझाइए long answer
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किशोरावस्था के बाद चलिए अब यौवन से जुड़ी कुछ अहम
किशोरावस्था के दौरान लड़के और लड़कियों में होने वाले परिवर्तन कई बार माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन जाती है। इसलिए, आपको किशोरावस्था के अलग-अलग चरण के बारे में जानना जरूरी है। हम आपको नीचे किशोरावस्था के दौरान लड़के और लड़कियों में होने वाले parivatan
किशोरावस्था का प्रारंभिक चरण (10 से 13 की उम्र के बीच)
इस चरण के दौरान लड़के-लड़कियों का विकास तेजी से होने लगता है। शरीर में कई तरह के परिवर्तन नजर आते हैं। इन परिवर्तनों में अंडरआर्म्स और जननांगों के पास बालों का बढ़ना, लड़कियों में स्तन का विकास और लड़कों में अंडकोष का बढ़ना शामिल है। माना जाता है कि यह बदलाव लड़कों की तुलना में लड़कियों में एक-दो साल पहले से शुरू होने लग जाते हैं। इस दौरान कई लड़कियों का मासिक चक्र भी शुरू हो जाता है। वहीं, ट्रांसजेंडर बच्चों के लिए यौवन की शुरुआत मुश्किल समय हो सकता है। कुछ बच्चे इस समय अपने लिंग पहचान पर भी सवाल उठा सकते हैं।
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किशोरावस्था - किशोरावस्था शब्द English भाषा के adolesence शब्द का हिन्दी रूपांतरण है। किशोरावस्था मनुष्य के जीवन का बसंतकाल माना गया है। यह 12-19 वर्ष तक रहता है, परंतु किसी किसी व्यक्ति में यह बाईस वर्ष तक हो सकता है। यह काल भी सभी प्रकार की मानसिक शक्तियों के विकास का समय है। भावों के विकास के साथ साथ बालक की कल्पना का विकास होता है। उसमें सभी प्रकार के सौंदर्य की रुचि उत्पन्न होती है और बालक इसी समय नए-नए और ऊँचे आदर्शों को अपनाता है। बालक भविष्य में जो कुछ होता है, उसकी पूरी रूपरेखा उसकी किशोरावस्था में बन जाती है। जिस बालक ने धन कमाने का स्वप्न देखा, वह अपने जीवन में धन कमाने में लगता है। इसी प्रकार जिस बालक के मन में कविता और कला के प्रति लगन हो जाती है, वह इन्हीं में महानता प्राप्त करने की चेष्टा करता और इनमें सफलता प्राप्त करना ही वह जीवन की सफलता मानता है। जो बालक किशोरावस्था में समाज सुधारक और नेतागिरी के स्वप्न देखते हैं, वे आगे चलकर इन बातों में आगे बढ़ते है।
पश्चिम में किशोर अवस्था का विशेष अध्ययन कई मनोवैज्ञानिकों ने किया है। किशोर अवस्था काम भावना के विकास की अवस्था है। कामवासना के कारण ही बालक अपने में नवशक्ति का अनुभव करता है। वह सौंदर्य का उपासक तथा महानता का पुजारी बनता है। उसी से उसे बहादुरी के काम करने की प्रेरणा मिलती है।