Hindi, asked by QualityQuestioner, 4 months ago

(क) शब्द “रत्नजड़ित” में कौन-सा समास है ?
(ख) शब्द “चरणकमल” में कौन-सा समास है ?
(ग) शब्द “हानि-लाभ” में कौन-सा समास है ?
(घ) शब्द “रत्नजड़ित” में कौन-सा समास है ?

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Answers

Answered by shabbirhussain278691
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1.रत्नजड़ित में कोनसा समास है ?

समस्त पद समास विग्रह समास का प्रकार

रत्नजड़ित रत्न से जड़ित करण तत्पुरुष

2. कर्मधारय समास – चरणकमल शब्द में कर्मधारय समास है।

3. हानि-लाभ में कोनसा समास है ?

समस्त पद समास विग्रह समास का प्रकार

हानि-लाभ हानि या लाभ द्वंद्व समास

4. रत्नजड़ित में कोनसा समास है ?

समस्त पद समास विग्रह समास का प्रकार

रत्नजड़ित रत्न से जड़ित करण तत्पुरुष समास

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Answered by AlienMind
129

Explanation:

प्रशन:

(क) शब्द “रत्नजड़ित” में कौन-सा समास है ?

उत्तर:

रत्नजड़ित में करण तत्पुरूष समास है।

व्याख्या:

रत्नजड़ित’ अर्थात रत्न से जड़ितजिस समास मे से इस पद का लोप होता है, उसे करण तत्पुरूष समास कहते है।

अत: यह करण तत्पुरूष समास का उदाहरण है।

अन्य उदाहरण:

शोकाकुल’ अर्थात शोक से आकुल। (करण तत्पुरूष)

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(ख) शब्द “चरणकमल” में कौन-सा समास है ?

उत्तर:

चरणकमल में कर्मधारय समास है।

व्याख्या:

शब्द “चरणकमल” का अर्थ होता है “कमल के समान चरण

वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान – उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है कर्मधारय समास कहलाता है। इस समास का उत्तरपद प्रधान होता है एवं विगृह करते समय दोनों पदों के बीच में “के सामान”, “है जो”, “रुपी” में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है।

अतः चरणकमल में कर्मधारय समास होगा।

अन्य उदाहरण:

कनकलता = कनक के समान (कर्मधारय)

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(ग) शब्द “हानि-लाभ” में कौन-सा समास है ?

उत्तर:

हानि-लाभ में द्वन्दव समास है।

व्याख्या:

हानि-लाभ’ अर्थात हानि या लाभ।इस समास मे दो पद होते है, दोनो ही पद प्रधान (important) होते है।इसका विग्रह करने के लिए (और, एवं, तथा, या, अथवा) शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

अत: यह द्वन्दव समास का उदाहरण है।

अन्य उदाहरण:

पाप-पुण्य = पाप व पुण्य (द्वन्दव)

Trick:- द्वन्दव समास में दोनों पद समान होते है।विग्रह करने पर ‘और’ ‘अथवा’ ‘या’ ‘एवं’ लगता है, दोनों शब्द एक दूसरे के उलटे होते है।

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(घ) शब्द “रचनाकार” में कौन-सा समास है ?

उत्तर:

रचनाकार में कर्म तत्पुरूष समास है।

व्याख्या:

रचनाकार’ अर्थात रचना को करने वाला । यह पद का जहाँ लोप होता है, उसे कर्म तत्पुरूष समास कहते है ।

अत: यह कर्म तत्पुरूष समास का उदाहरण है ।

उदाहरण:

शाकाहरी = शाक को खाने वाला। (कर्म तत्पुरूष‌)

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