कौशल भारत योजना का प्रबंधन किसकी देखरेख में होता है ?
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परिचय
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए एक प्रमुख योजना है। इसके तहत पाठ्यक्रमों में सुधार, बेहतर शिक्षण और प्रशिक्षित शिक्षकों पर विशेष जोर दिया गया है। प्रशिक्षण में अन्य पहलुओं के साथ व्यवहार कुशलता और व्यवहार में परिवर्तन भी शामिल है।
इसके अंतर्गत देश के 24 लाख युवाओं को विभिन्न उद्योगों से संबंधित स्किल ट्रेनिंग पाने का अवसर मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत स्किल ट्रेनिंग पाने वाले युवाओं को सरकार द्वारा आर्थिक इनाम भी मिलेगा। ट्रेनिंग खत्म होने पर इन युवाओं को सरकार की ओर से एक प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जो उन्हें रोजगार पाने और अपना भविष्य सँवारने में मदद करेगा।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी)
नवगठित कौशल विकास और उद्यम मंत्रालय राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से इस कार्यक्रम को क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके तहत 24 लाख युवाओं को प्रशिक्षण के दायरे में लाया जाएगा है। कौशल प्रशिक्षण नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) और उद्योग द्वारा तय मानदंडों पर आधारित होगा। कार्यक्रम के तहत तृतीय पक्ष आकलन संस्थाओं द्वारा मूल्यांकन और प्रमाण पत्र के आधार पर प्रशिक्षुओं को नकद पारितोषिक दी जाएगी। नकद पारितोषिक औसतन 8,000 रूपए प्रति प्रशिक्षु होगी।
इस योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
24 लाख युवकों को इस कौशल विकास योजना में लक्षित, प्रशिक्षिक एवं मौद्रिक समर्थन में सम्मिलित करना
अधिकृत संस्था के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण के दौर से गुजर के प्रमाणित हुए उम्मीदवार के लिए मौद्रिक इनाम। औसत मौद्रिक इनाम प्रति उम्मीदवार Rs.8000 निर्धारित
मूल्यांकन और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में मानकीकरण (Standardization) को प्रोत्साहि करना
अन्य प्रमुख बिंदु
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत मुख्य रूप से श्रम बाजार में पहली बार प्रवेश कर रहे लोगों पर जोर होगा और विशेषकर कक्षा 10 व 12 के दौरान स्कूल छोड़ गये छात्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
योजना का क्रियान्वयन एनएसडीसी के प्रशिक्षण साझेदारों द्वारा किया जाएगा। वर्तमान में लगभग 2,300 केंद्रों के एनएसडीसी के 187 प्रशिक्षण साझेदार हैं।
इनके अलावा केंद्र व राज्य सरकारों से संबंधित प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाओं को भी इस योजना के तहत प्रशिक्षण के लिए जोड़ा जाएगा।
सभी प्रशिक्षण प्रदाताओं को इस योजना के लिए योग्य होने के लिए एक जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। पीएमकेवीवाई के तहत सेक्टर कौशल परिषद व राज्य सरकारें भी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की निगरानी करेंगे।
योजना के तहत एक कौशल विकास प्रबंधन प्रणाली (एसडीएमएस) भी तैयार की जाएगी जो सभी प्रशिक्षण केंद्रों के विवरणों और प्रशिक्षण व पाठ्यक्रम की गुणवत्ता की जांच करेगी और उन्हें दर्ज भी करेगी।
जहां तक संभव होगा प्रशिक्षण प्रक्रिया में बायोमिट्रिक सिस्टम व वीडियो रिकार्डिंग भी शामिल की जाएगी जो पीएमकेवीआई से जानकारी ली जाएगी जो पीएमकेवीआई की प्रभावशीलता का मूल्यांकन का मुख्य आधार होंगे। शिकायतों के निपटान के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र भी शुरू किया जाएगा।
इसके अलावा कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के लिए एक ऑनलाइन नागरिक पोर्टल भी शुरू की जाएगी।
युवाओं को कौशल मेलों के जरिए जुटाया जाएगा और इसके लिए स्थानीय स्तर पर राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, पंचायती राज संस्थाओं और समुदाय आधारित संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।