कुशल सम्भाषण के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
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एक कुशल संभाषण के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है...
- एक कुशल संभाषण दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच होने वाला समाचार है, इसलिए व्यक्तियों के बीच जो भी बातचीत हो वो सरल एवं सुबोध भाषा में हो।
- कुशल संभाषण के लिए होने वाला वार्तालाप सरस और सुरुचिपूर्ण होना चाहिए।
- कुशल संभाषण में भाषा वो ही प्रयोग की जानी चाहिए जो वक्ता और श्रोता दोनों के अनुकूल हो। यदि वक्ता कुछ बोलेगा और श्रोता कुछ समझ नही पायेगा तो संभाषण का उद्देश्य पूर्ण नही होगा।
- एक कुशल संभाषण के लिए आवश्यक है कि दोनों पक्ष संभाषण करने में कुशल हों। यदि एक पक्ष कुछ बोलता है तो उसका प्रत्युत्तर सही समय पर प्राप्त हो ताकि संभाषण जारी सके।
Answer:
सम्भाषण का अर्थ होता हैं: ऊँची आवाज़ में कहा गया कथन। संभाषित, संभाषणी, संभाष्य आपस में होनेवाली बातचीत।
Explanation:
सम्भाषण का अर्थ होता हैं: ऊँची आवाज़ में कहा गया कथन। संभाषित, संभाषणी, संभाष्य आपस में होनेवाली बातचीत।
एक कुशल वक्ता के लिए संभाषण की कला में पूर्णतः निपुण होना अत्यंत आवश्यक है।
जैसे की हम जानते हैं की मनुष्य की भावनाओं एवं संवेदनाओं के आदान-प्रदान के लिए संभाषण का होना अत्यंत आवश्यक है।
एक कुशल सम्भाषण को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना अत्यंत जरुरी हैं:
एक कुशल संभाषण को इस बात का जरूर ध्यान देना चाहिए की उनके द्वारा प्रयोग की गयी भाषा सरल एवं सुबोध हो, ताकि उससे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके।
कुशल संभाषण को अपने वार्तालाप अत्यंत सरस तरीके से प्रारम्भ करना चाहिए।
कुशल संभाषण में इस बात का अत्यंत ध्यान रखना जरुरी हैं की प्रयोग में लायी जाने वाली भाषा वक्त एवं श्रोता दोनों के अनुसार सरल एवं समझने योग्य हो।