Hindi, asked by jshubh454, 1 month ago

(क) शरद ऋतु का प्रातःकाल कैसा होता है?
(ख) उपर्युक्त काव्यांश के शीर्षक एवं कवि का नाम लिखिए।
(ग) कवि के अनुसार 'शरद कहाँ और किस प्रकार पहुँचा?​

Answers

Answered by shishir303
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(क) शरद ऋतु का प्रातःकाल कैसा होता है ?

✎... शरद ऋतु का प्रातःकाल में लाल रंग का होता है।  

कवि कहता है...  

सबसे तेज बौछारें गई भादो गया,  

सवेरा हुआ  

खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा,

शरद आया पुलों को पार करते हुए,  

अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए

यहाँ पर कवि कह रहा है कि शरद ऋतु का प्रातःकाल लाल लालिमा लिए हुए होता है।  

(ख) उपर्युक्त काव्यांश के शीर्षक एवं कवि का नाम लिखिए।

✎... इस काव्यांश का शीर्षक ‘पतंग’ है। इस कविता के कवि का नाम ‘आलोक धन्वा’ है।

(ग) कवि के अनुसार 'शरद कहाँ और किस प्रकार पहुँचा ?​

✎... कवि के अनुसार ‘शरद’ पुलों को पार करके अपनी नई चमकीली साईकिल पर घंटी बजाते हुए आया। उसने चमकीले इशारों द्वारा पतंग उड़ाने वाले बच्चों को अपने पास बुलाया और आकाश को इतना मुलायम बना दिया कि उनकी पतंग आकाश में ऊँचा उठ सके।  

यहाँ पर कवि ने ‘शरद’ ऋतु का मानवीकरण करके वर्णन किया है।  

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