केशव आचार्य तत्व
पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
Answers
¿ केशव का आचार्यत्व' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ?
केशव का आचार्यत्व : केशवदास चांदी के प्रथम आचार्य कवि माने जाते हैं। वे काव्य के रीतिकालीन मार्ग के प्रवर्तक थे। हिंदी साहित्य में उनकी भूमिका कवि से ऊपर आचार्य के रूप में रही है, इसलिए उन्हें आचार्य कवि कहा जाता था। हालांकि इस उपमा के उपमान वे नहीं मानते थे।
हिंदी भाषा में काव्यशास्त्र लिखने की परंपरा आचार्य केशवदास ने ही शुरू की। हिंदी की परंपरा को केशवदास ने ही आरंभ किया। आचार्च केशवदास ना केवल काव्यशास्त्र के विद्वान थे बल्कि वे संस्कृत के महान पंडित भी और राजगुरु होने के कारण उनमें आचार्यत्व का गुण सहज और स्वाभाविक रूप से विद्यमान था।
भारतीय काव्यशास्त्र की व्यापक भूमिका में विचार करने से केशवदास कवि-शिक्षक के रूप में भी सामने आते हैं। उन्होंने काव्य के दो प्रमुख अंगो रस तथा अलंकार को काव्य की आम समझ रखने वाले विद्यार्थियों के लिए भी सहज एवं सुलभ किया है।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○