केशव दास जी द्वारा रचित वंदना में किस-किस की वंदना की गई है आंसर बताओ
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केशवदास द्वारा रचित ‘वदना’ शीर्षक में केशवदास ने भगवान श्री गणेश और माँ सरस्वती की वंदना की है।
भगवान श्री गणेश की वंदना करते हुए कवि कहते हैं कि जिस कमल का पालक कमल की डाल को किसी भी समय सरलता से तोड़ सकता है, उसी तरह श्री गणेश असमय आए विकराल दुख आए दुखों के पहाड़ को भी किसी समय दूर कर सकते हैं। बिल्कुल उसी तरह जिस तरह कमल के पत्ते में फैले कीचड़ युक्त पानी को पत्ते नीचे भेजकर स्वयं साफ होकर ऊपर तैरते रहते हैं। जिस तरह चंद्रमा को निष्कलंक बनाने के लिए शिवजी ने उसे अपने सिर पर धारण किया उसी तरह भगवान श्री गणेश जी अपने भक्तों को कलंक रहित करके पवित्र कर देते हैं।
सरस्वती की वंदना करते हुए केशवदास कहते हैं कि जगत की स्वामिनी श्री सरस्वती की उदारता का वर्णन कर सके, ऐसी बुद्धि किसी में नहीं है। बड़े-बड़े सिद्ध, देवता, ऋषि, राजा भी उनकी उदारता का वर्णन पूर्ण रूप से नहीं कर पाए हैं अनेक लोगों ने उनकी उदारता का वर्णन करने की चेष्टा की लेकिन वह उसकी था नहीं पा सके।
आचार्य केशवदास रीतिकालीन काव्यधारा के एक प्रसिद्ध कवि रहे हैं।
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