कृषि एवं पशुपालन पर्यावरण को किस प्रकार प्रभावित करते हैं class 8th social since
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आज कृषि में उत्पादन वृद्धि के लिए उर्वरकों का प्रयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। रासायनिक उर्वरक यद्यपि खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़ाने में लाभदायक हैं, लेकिन पर्यावरण पर ये हानिकारक प्रभाव डाल रहे हैं। सामान्यतः खेत में डाले गए कुल रासायनिक उर्वरक का 60 प्रतिशत अंश ही पौधों द्वारा उपयोग में लाया जाता है। अवशेष उर्वरक जो मिट्टी में रह जाते हैं, वे वर्षा के जल में मिलकर खेतों के निकट स्थित तालाबों, नदियों या झीलों में पहुँच जाते हैं।
वहाँ ये उन जल स्रोतों को प्रदूषित करते हैं तथा मिट्टी में रिसकर भू-जल को भी प्रदूषित करते हैं। – बढ़ती जनसंख्या का दबाव पशुधन पर भी पड़ रहा है। पशु उत्पादों की माँग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिक इन उत्पादों की वृद्धि पर कठोर परिश्रम कर रहे हैं। उन्होंने पशुओं पर गहन शोध किया है जैसे अधिक ऊन के लिए उन्नत किस्म की भेड़ों का पालन, क्लोन निर्माण कर पशुओं का कृत्रिम प्रजनन। इससे जैविक विविधता प्रभावित हो रही है