कृषि क्षेत्र में जीन इंजीनियरिंग के क्या उपयोग है
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आनुवांशिक रूप से संशोधित फसलें: जेनेटिक इंजीनियरिंग ने फसलों को वांछित गुणों के साथ फसलों को अधिक लाभदायक बनाया है। अधिक वांछनीय लक्षणों वाले पौधों (बीटी कॉटन) के उदाहरण हैं जैसे- सूखा प्रतिरोधी पौधे, रोग प्रतिरोधी फसलें, पौधे जो तेजी से बढ़ते हैं और अधिक पोषक तत्वों वाले पौधे।
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संदर्भ
परमाणु और अंतरिक्ष उड़ान की खोज के साथ जेनेटिक इंजीनियरिंग हाल के इतिहास में सबसे बड़ी सफलताओं में से एक हो सकती है। हालाँकि इसके साथ कई नुकसान और जोखिम जुड़े हुए हैं। हालाँकि प्रकृति चिकित्सा (Nature Medicine) में एक शोध रिपोर्ट Sars-CoV-2 के जेनेटिक इंजीनियरिंग की संभावना का विरोध करती है, लेकिन जेनेटिक इंजीनियरिंग अगली महामारी का कारण हो सकती है। COVID-19 ने प्रदर्शित किया है कि परमाणु मिसाइलों के रूप में जैविक रोगजनकों को कैसे नष्ट किया जा सकता है। इसलिये जैव-आतंकवाद के लिये इस्तेमाल किये जा सकने वाले वायरस विकसित करने के लिये विश्व को जेनेटिक इंजीनियरिंग की संभावनाओं के प्रति सतर्क रहना चाहिये। हालाँकि जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से तकनीकी उन्नति भी इसके विरुद्ध एक मज़बूत रक्षा कवच प्रदान कर सकती है। इसके अलावा जैव-विकास को विकसित करने के लिये विश्व स्तर पर प्रयास होने चाहिये।
आनुवांशिक रूप से संशोधित (GM) फसलें: जेनेटिक इंजीनियरिंग ने फसलों को वांछित गुणों के साथ फसलों को अधिक लाभदायक बनाया है। अधिक वांछनीय लक्षणों वाले पौधों (बीटी कॉटन) के उदाहरण हैं जैसे- सूखा प्रतिरोधी पौधे, रोग प्रतिरोधी फसलें, पौधे जो तेजी से बढ़ते हैं और अधिक पोषक तत्वों वाले पौधे।
Explanation:
जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से वैज्ञानिक वांछनीय जीन को एक पौधे या जीव से दूसरे पौधे या किसी जीव या इसके विपरीत स्थानांतरित करने में सक्षम होते हैं।
संक्षेप में जेनेटिक इंजीनियरिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें एक विशिष्ट जीन को चुना जा सकता है और प्राप्तकर्ता जीव में प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
जेनेटिक इंजीनियरिंग की प्रक्रिया में गुणसूत्र के एक क्षेत्र को शामिल करना है, जो शरीर की एक निश्चित विशेषता को नियंत्रित करता है। उदाहरण के लिये:
एक एंटीवायरल प्रोटीन का उत्पादन करने के लिये इस जीन को पुन: संयोजित किया जा सकता है।
एंज़ाइम एंडोन्यूक्लाइज़ का उपयोग DNA अनुक्रम को विभाजित करने के साथ-साथ जीन को गुणसूत्र के बाकी हिस्सों से विभाजित करने के लिये किया जाता है।.
इस जीन को हटा दिया जाता है और इसे एक जीवाणु कोशिका (Bacterial Cell) में रखा जा सकता है जहाँ इसे लाइगेज़ का उपयोग करके DNA श्रृंखला में सील किया जा सकता है।
जब गुणसूत्र को एक बार फिर से सील कर दिया जाता है तो इस नए एंटीवायरल प्रोटीन को दोहराने के लिये जीवाणु कोशिका को प्रभावी रूप से पुन: संयोजित किया जाता है।