Hindi, asked by aryananshika1315, 14 days ago

केषाम् आचारः अनुकरणीय​

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Answered by kumarikartika20
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[उद्भवति = पैदा होता है, अन्येऽपि = अन्य भी, दाक्षिण्यम् = उदारता, दानशीलता, शिक्षेरन् = सीखते थे, एतेषां = इनका । ] संदर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘हिंदी’ के संस्कृत खंड के ‘सदाचार:’ नामक पाठ से उद्धृत है ।

अनुवाद- विनम्रता (विनय) ही मनुष्यों का आभूषण है । विनयशील मनुष्य सभी लोगों को प्रिय होता है । विनम्रता सदाचार से उत्पन्न होती है । सदाचार से न केवल विनय अपितु अन्य विविध सुंदर गुण भी विकसित होते हैं; जैसेधैर्य, उदारता, दानशीलता, संयम ( इंद्रियों को वश में रखना), आत्मविश्वास, निडरता । हमारी भारतभूमि का सम्मान संसार में सदाचार से ही था । पृथ्वी पर सब मनुष्य भारत के सदाचारी ( सदाचारपरायण) पुरुषों से ही अपने-अपने चरित्र की शिक्षा प्राप्त करते थे । भारतभूमि अनेक सदाचारी पुरुषों की जननी है । इन महापुरुषों का आचरण अनुकरण के योग्य है ।

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