Hindi, asked by gulshankumar9275, 10 months ago

कृष्ण भक्ति शाखा की दो विशेषताएँ लिखिए ।

Answers

Answered by sonalimandal0709
1

Answer:

८ वीं शदी में दक्षिण भारत में श्रीकृष्ण भक्ति का अत्यधिक प्रचार - प्रसार था .प्राचीन संस्कृत काव्यों में भी श्रीकृष्ण सम्बन्धी कथाएँ मिलती हैं .जयदेव के गीत गोविन्द तथा विद्यापति की पदावली में राधाकृष्ण का श्रृंगारिक वर्णन है .इनका प्रभाव हिंदी साहित्य पर पड़ा. इस क्रम में हिंदी कृष्ण काव्य का सृजन हुआ .कुछ लोग हिंदी में कृष्ण काव्य का प्रारंभ विद्यापति से मानते हैं परन्तु सही अर्थों में कृष्ण काव्य का प्रचार १५ वीं शताब्दीं में बल्लभाचार्य के माध्यम से हुआ .अनेक वैष्णव कवि उनके शिष्य हुए .उनके शिष्य विट्ठलदास ने इस परंपरा को कायम रखा .इसी परंपरा में दीक्षित अष्टछाप कवियों में सूरदास का मुख्य विषय श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन करना है .इस भक्ति में वात्सल्य ,सरल एवं माधुर्य भावों की प्रधानता है .सम्पूर्ण कृष्णकाव्य ब्रजभाषा में लिखा गया है .इनमें श्रृंगार रस तथा वात्सल्य रस की प्रधानता है .

Similar questions