कृष्ण भक्ति धारा की सही जोड़ी
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कृष्ण भक्ति काव्य धारा से अभिप्राय उस काव्यधारा से है, जिसमें कवियों ने भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण के चरित्र को आधार बनाकर अपने काव्य ग्रंथों की रचना की। इस परंपरा के कवियों ने कृष्ण के बाल रूप के एवं उनकी विविध लीलाओं के हृदयग्राही चित्र अपने काव्य में अंकित किए हैं। भागवत पुराण इस काव्यधारा का आधार ग्रंथ है।
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आज मथुरा समेत पूरे देश में बाल गोपाल श्रीकृष्ण का जन्मदिवस पूरे हर्षोल्लास एवं आनंद से मनाया जा रहा है। 11 अगस्त को भी कई स्थानों पर जन्माष्टमी मनाई गई। आज रोहिणी नक्षत्र में मंत्रोच्चार, भक्ति गीत एवं कृष्ण भजनों के बीच भगवान बाल कृष्ण का जन्मोत्सव होगा। इस दिन तो देश के हर घर परिवार में बाल कृष्ण प्रकट होते हैं और भक्त उनकी भक्ति में स्वयं को सराबोर कर लेते हैं। आज पूरे देश में भगवान कृष्ण की लीलाओं का गान भजन एवं कृष्ण के गीतों के माध्यम से हो रहे हैं। आज जन्माष्टमी के दिन आप भी भगवान कृष्ण के गीत एवं भजन सुनें तथा आनंदपूवर्क जन्माष्टमी मनाएं। भगवान कृष्ण के ये गीत और भजन उनकी लीलाओं से भरे हुए हैं। आज हम आपको भगवान श्रीकृष्ण के गीतों एवं भजनों के बारे में बता रहे हैं, जिनको सुनकर आप स्वयं को जन्माष्टमी और जन्मोत्सव के शुभ कार्यों से जुड़ा महसूस करेंगे और कृष्ण लीलाओं को प्रत्यक्ष होने की अनुभूति कर सकेंगे।