Hindi, asked by dakshpandita76, 6 months ago

कुषाण काल में बौद्ध धर्म की क्या स्थिति थी ? Pls Answer Neat in 30 to 40 words in hindi

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Answered by 0abhishekmaurya7365
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Answer:

कुषाण वंश के संस्थापक कुजुल कडफिसेस का ही एक वंशज, कनिष्क बख्त्रिया से इस साम्राज्य पर सत्तारूढ हुआ, जिसकी गणना एशिया के महानतम शासकों में की जाती है, क्योंकि इसका साम्राज्य तरीम बेसिन में तुर्फन से लेकर गांगेय मैदान 0 [पाकिस्तान]] और समस्त उत्तर भारत में बिहार एवं उड़ीसा तक आते हैं।[1] इस साम्राज्य की मुख्य राजधानी पेशावर (वर्तमान में पाकिस्तान, तत्कालीन भारत के) गाँधार प्रान्त के नगर पुरुषपुर में थी। इसके अलावा दो अन्य बड़ी राजधानियां प्राचीन कपिशा में भी थीं।

उसकी विजय यात्राओं तथा बौद्ध धर्म के प्रति आस्था ने रेशम मार्ग के विकास तथा उस रास्ते गांधार से काराकोरम पर्वतमाला के पार होते हुए चीन तक महायान बौद्ध धर्म के विस्तार में विशेष भूमिका निभायी।

पहले के इतिहासवेत्ताओं के अनुसार कनिष्क ने राजगद्दी ७८ ई० पूर्व में प्राप्त की एवं तभी इस वर्ष को शक संवत् के आरम्भ की तिथि माना जाता है।[2]

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