कृष्ण का सामने पाने के लिए है रसखान जी क्या कामना नहीं करते
Answers
Answered by
6
Answer:
कवि श्रीकृष्ण का सान्निध्य पाने के लिए नाना प्रकार की सुख-सुविधाएँ त्यागने को तैयार है। वह तीनों लोकों के साम्राज्य का सुख, आठों सिद्धियों तथा नौ निधियों के वैभव तथा करोड़ों सोने के महलों का सुख त्यागने को तैयार हैं।
कवि को कृष्ण और उनसे जुड़ी हर वस्तु से विशेष लगाव है। उन वस्तुओं से कृष्ण की यादें जुड़ी हुई हैं। ऐसी वस्तुओं को देखने, छूने से कवि को कृष्ण की निकटता का अनुभव होता है , इसलिए वह ब्रज के वन-बाग और तालाब देखना चाहता है।
काव्यांश से कवि के बारे में पता चलता है कि वे श्री कृष्ण के अनन्य भक्त हैं और कृष्ण से जुड़ी प्रत्येक वस्तु उन्हें कृष्ण की समीपता का अहसास कराती हैं |
Answered by
1
Answer:कृष्ण को पाने के लिए रसखान जी तीन लोको का सुख, अष्ट सिद्धिया,नो निधिया
और राज सुख न्योछावर करते हैं
Explanation:
Similar questions