India Languages, asked by kalawatidevi145028, 19 hours ago

कृष्णमूर्ते: गृहे कोऽपि भृत्य: नास्ति? इत्यत्र अव्ययपदं किम् ? * please answer jaldi​

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Answered by bhatiamona
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कृष्णमूर्ते: गृहे कोऽपि भृत्य: नास्ति? इत्यत्र अव्ययपदं किम् ?

कृष्णमूर्ते: गृहे कोऽपि भृत्य: नास्ति?

अव्यय पदं : कोऽपि

व्याख्या :

हिंदी और संस्कृत भाषा में अव्यय पद उन पदों को कहते हैं जो लिंग, वचन, कारक की दृष्टि से परिवर्तित नहीं होते। अर्थात उनमें कोई भी विकार उत्पन्न नही होता है। अव्यय पद अविकारी शब्द होते है।

अव्यय पद के पाँच भेद होते है,

  • क्रियाविशेषण अव्यय
  • संबंधबोधक अव्यय
  • समुच्चयबोधक अव्यय
  • विस्मयादिबोधक अव्यय
  • निपात अव्यय
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