Hindi, asked by prashanthsolasa, 8 months ago

कृष और अर्जुन के बीच संवाद please write a small संवाद in hindi please i will mark you as the brainliest and give you five star rating

Answers

Answered by singhhemant52
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Answer:

अगर उत्तर सही लगे तो brainiest मार्क करें ।।

Explanation:

अर्जुन के मन में उठ रहे हर प्रश्न का श्री कृष्ण ने अति सुंदर रूप से उत्तर दिया।

अर्जुन : आज कल के काम काज से व्यस्तता बहुत बढ़ गयी है वसुदेव।

प्रभु श्री कृष्ण: कोई भी गतिविधि आपको व्यस्त बना सकती है। और कोई भी उत्पादकता उस व्यस्तता से आराम दिला सकती है।

अर्जुन: जीवन इतना कठिन क्यों हो गया है ?

श्री कृष्ण: जीवन के बारे में मत सोचो केवल जीवन को जियो।

अर्जुन : हम सदैव दुखी क्यों रहते हैं ?

कृष्ण :क्योंकि चिंता करना मनुष्य की आदत हो चुकी है। इसीलिए मनुष्य दुखी रहता है।

अर्जुन : लोगों को इतना कष्ट क्यों भुगतना पड़ता है?

श्री कृष्ण: हीरे को रगड़ के बिना चमकाया नहीं जा सकता और सोने को ताप के बिना खरा नहीं बनाया जा सकता, अच्छे लोगों को परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ता है, ये कष्ट का भुगतान नहीं होता है। यह अनुभव से जीवन सुखद बनता है, न कि दुखद ।

अर्जुन : आपके कहने का मतलब है कि ये अनुभव आवश्यक हैं ?

श्री कृष्ण: मेरे कहने का मतलब यही है की अनुभव एक कठोर शिक्षक है जो पहले परीक्षा लेते हैं और फिर पाठ पढ़ाते हैं।

अर्जुन : जीवन की बहुत सारी समस्याओं से हमें यह नहीं समझ आता है कि हम किधर जा रहे हैं ?

कृष्ण : तुम जीवन के बारे में मत सोचो केवल लक्ष्य देखो जेवन में क्या होगा वो अपने आप स्पष्ट हो जाएगा । अतः पार्थ तुम हमेशा जो हो रहा है उस पर धयान दो कल क्या होगा वो कल पता चल जाएगा।

Answered by ItzCuteAyush0276
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कृष्ण-अर्जुन संवाद

कृष्ण उवाच -

चलो पार्थ धरती पर करके , आज भ्रमण हम आते है गईया-मईया , मथुरा-गोकुल , सबके दर्शन पाते है ||

एक बार फिर यमुना तीरे , वंशी का कोलाहल होगा

मुख पर जब दधि लेप करूँगा , कितना सुन्दर वह पल होगा ||

मईया की गोदी में सर रखकर , विस्मृत बचपन में जाऊँगा

अधर नहीं फिर मुरझाएगे , जीवन के नव रस पाऊंगा ||

चोरी-चुपके मटकी से , जब भी माखन मैं खाऊंगा

मईया मुझसे पूँछेगी , मैं उनको खूब छाकाऊंगा ||

ग्वाले-ग्वालिन , दाऊ के संग , गाय चराने जाऊँगा

वंशी की किसी मधुर धुन से , सबको खूब नाचाऊंगा ||

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