Hindi, asked by varunnair2339, 1 year ago

कृषि और सभ्यता के उद्भव पर विस्तृत लेख लिखिए

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Answered by devpratap
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कृषि का विकास कम से कम १०,००० वर्ष पूर्व हो चुका था। तब से अब तक बहुत से महत्वपूर्ण परिवर्तन हो चुके हैं।

कृषि भूमि को खोदकर अथवा जोतकर और बीज बोकर व्यवस्थित रूप से अनाज उत्पन्न करने की प्रक्रिया को कृषि अथवा खेती कहते हैं। मनुष्य ने पहले-पहल कब, कहाँ और कैसे खेती करना आरंभ किया, इसका उत्तर सहज नहीं है। सभी देशों के इतिहास में खेती के विषय में कुछ न कुछ कहा गया है। कुछ भूमि अब भी ऐसी है जहाँ पर खेती नहीं होती। यथा - अफ्रीका और अरब के रेगिस्तान, तिब्बत एवंमंगोलिया के ऊँचे पठार तथा मध्य आस्ट्रेलिया। कांगो के बौने और अंदमान के बनवासी खेती नहीं करते।

Answered by jayathakur3939
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कृषि और सभ्यता के उद्भव पर विस्तृत लेख  :-

विश्व स्तर पर कृषि का आरंभ नवपाषाणिक युग में हुआ । इस समय में ही स्थायी बस्तियाँ बसने लगी |  अत: कृषि का आरंभ हुआ। इसका विकास काँस्य युग में हुआ । इस समय नदी घाटियों में मेसोपोटामिया, मिस्त्र, हड़पा में सभ्यता का उदय और विकास हुआ।  बस्तियाँ नदियों के किनारे बसीं । मेसोपोटामिया में दजला और फुरात नदियों, मिस्त्र में नील नदी और भारत में सिंधु एवं इसकी सहायक नदियों के किनारे सभ्यता का विकास हुआनदियों नें कृषि के विकास में योगदान दिया।  

प्रतिवर्ष नदियों में आनेवाली बाढ़ के कारण किनारों पर जलोढ़ मिट्टी जमा होती थी यह मिट्टी अत्यधिक उपजाऊ होती थी। इससे पैदावार में बढ़ोतरी हुई। अधिक अनाज के उत्पादन के आधार पर इन सभ्यताओं का विकास हुआ।

भारतीय संदर्भ में सिंधु घाटी की सभ्यता (हड़पा सभ्यता) में कृषि का प्रमाण मिलता है | यह स्पष्ट नहीं है कि बीज जमीन में कैसे बोए जाते थे, जमीन में बीजों छिड़काव कर अथवा जमीन को हल द्वारा जोतकर बीज बोए जाते थे। कुछ साक्ष्य इंगित करते हैं  कि हड़पा  सभ्यता में हल द्वारा खेत जोता जाता था चोलिस्तान के कई स्थलों और बनावली से मिट्टीके के बने हल के प्रतिरूप मिले हैं ।  ये हल संभवत: लकड़ी के बने होते थे।

मुहरों पर मिले वृषभ के चित्रों और वृषभ की मृण्मूर्तियों के आधार पर पुरातत्तविदों ने अनुमान लगाया है कि हल पशुओं द्वारा खिंचवाए जाते थे। कालीबंगन नामक स्थान से जुते हुए खेत का साक्ष्य मिला है। फसलों को काटने के लिए सिंधुवासी संभवत: पत्थर के हँसिया व्यवहार मे लाते थे इसमें लकड़ी का हत्था लगाया जाता था। हड़पा क्षेत्र में वर्षा कम होती थी । अत:, खेती के लिए सिंचाई आवश्यक थी। नालियों द्वारा जल खेतों तक पहुँचाया जाता था। हड़पा में अनेक कुएँ मिले हैं अफगानिस्तान के शोर्तुघई नामक हड़पा सभ्यताकालीन स्तर से नहरों के कुछ अवशेष मिले हैं, परंतु पंजाब और सिंध से नहरों का प्रमाण नहीं मिला है।

गुजरात में धौलावीरा से एक जलशय प्रकाश में आया है । इसके जल का उपयोग संभवत: खेतों की सिचाई के लिए भी होता था । सिंधु घाटी सभ्यतावाले विभिन्न प्रकार के अनाज, फल एवं सब्जियाँ उगाते थे। वे मुख्यत: गेहूँ, जौ, राई, मटर, चना, तिल और सरसों उपजाते थे। बाजरा की भी खेती होती थी। लोथल से धान की खेती का भी प्रमाण मिला है । पहली बार कपास की खेती सिंधु घाटी में ही हुई । इसीलिए, यूनानी  सिंधु को सिंडन कहते थे। खेतों  में उत्पादन बहुत अधिक होता

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