कोष प्रवाह विवरण के महत्व लिखिए
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कोष ‘प्रवाह’ का अर्थ
कोष प्रवाह विवरण तैयार करने हेतु कोष (Fund) अर्थ, शुद्ध कार्यशील पूंजी (Net working capital) अर्थात् चालू सम्पत्तियों का चालू दायित्वों पर आधिक्य (Excess of total current assets over the total current liabilities) के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
कोष प्रवाह विवरण का महत्व
कोष प्रवाह विवरण का अध्ययन न केवल प्रबन्धकें के लिए महत्वपूर्ण है वरन् यह बैंकर, विनियोगकर्ता, अंशधारी तथा अल्पकालीन ऋणदाता के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे प्राप्त होने वाले लाभागों का विवेचन किया जा रहा है-
1.) कोष प्रवाह विवरण से एक निश्चित अवधि के मध्य हुए व्यावसायिक परिवर्तनों का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
2.)कई मामलों में कोष प्रवाह विवरण स्थिति-विवरण से भी अधिक सूचनाएं प्रदान करता है। यदि कोष प्रवाह विवरण आधुनिक ढंग से तथा पूर्ण रूप से तैयार किया जाये तो इससे आय विवरण का तुलनात्मक अध्ययन अधिक अच्छी प्रकार किया जा सकता है।
3.)विभिन्न सम्पत्तियों के अपलेखन या अधिलेखन से स्थिति विवरण जब अस्पष्ट एवं संदिग्ध लगने लगता है तब पिछले कुछ वर्षों के आधार पर निर्मित कोष प्रवाह विवरण से अनेक महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रकाशित हो सकती है।
4.)जो व्यक्ति पुस्तपालन तथा लेखाकर्म की जानकारी नहीं रखते उन व्यक्तियों के लिए कोष प्रवाह विवरण पथ-प्रदर्शक का कार्य करता है।
5.)विनियोगी तथा बैंकर्स कोष विनियोग विवरण के माध्यम से शुद्ध कार्यशील पूंजी की कमी या वृद्धि का अनुमान लगता सकते हैं।
6.)इस विवरण से सामान्य जनता को प्रबन्धकों द्वारा अपनायी गयी नीति का ज्ञान हो जाता है।
7.)इसका उपयोग वित्तीय विश्लेषण के साथ-साथ अर्थशास्त्रीय विश्लेषण में भी किया जा सकता है।
8.)यह विवरण प्रबन्धकों को भूतकालीन अनुभवों के आधार पर कार्यशील पूंजी के नियन्त्रण में सहायता पहुचाता है। यह विवरण यह बताता है कि लाभ की मात्रा में वृद्धि के बावजूद भी रोकड़ के आधिक्य में कमी क्यों आई या लाभांशां को अधिक क्यों नहीं बाँटा जा सका, आदि।
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