Geography, asked by omzatalesdn937373, 8 months ago

क्षेत्रभेटीची आवश्यकता स्पष्ट करा.​

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Answered by anshup2308
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Answer:

भूगोल (Geography) वह शास्त्र है जिसके द्वारा पृथ्वी के ऊपरी स्वरुप और उसके प्राकृतिक विभागों (जैसे पहाड़, महादेश, देश, नगर, नदी, समुद्र, झील, डमरुमध्य, उपत्यका, अधित्यका, वन आदि) का ज्ञान होता है। [1]प्राकृतिक विज्ञानों के निष्कर्षों के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित करते हुए पृथ्वीतल की विभिन्नताओं का मानवीय दृष्टिकोण से अध्ययन ही भूगोल का सार तत्व है। पृथ्वी की सतह पर जो स्थान विशेष हैं उनकी समताओं तथा विषमताओं का कारण और उनका स्पष्टीकरण भूगोल का निजी क्षेत्र है। भूगोल शब्द दो शब्दों भू यानि पृथ्वी और गोल से मिलकर बना है।

भूगोल एक ओर अन्य श्रृंखलाबद्ध विज्ञानों से प्राप्त ज्ञान का उपयोग उस सीमा तक करता है जहाँ तक वह घटनाओं और विश्लेषणों की समीक्षा तथा उनके संबंधों के यथासंभव समुचित समन्वय करने में सहायक होता है। दूसरी ओर अन्य विज्ञानों से प्राप्त जिस ज्ञान का उपयोग भूगोल करता है, उसमें अनेक व्युत्पत्तिक धारणाएँ एवं निर्धारित वर्गीकरण होते हैं। यदि ये धारणाएँ और वर्गीकरण भौगोलिक उद्देश्यों के लिये उपयोगी न हों, तो भूगोल को निजी व्युत्पत्तिक धारणाएँ तथा वर्गीकरण की प्रणाली विकसित करनी होती है। अत: भूगोल मानवीय ज्ञान की वृद्धि में तीन प्रकार से सहायक होता है:

Answered by vikasrajmane9271
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Ans : - ☆ क्षेत्रभेटीसाठी आवश्यकता ☆

१)क्षेत्रभेटी द्वारे भौगोलिक संकल्पनाचा , घटकांचा व प्रक्रियांचा प्रत्यक्ष अनुभव घेता येतो २) क्षेत्रभेटीद्वारे मानव व पर्यावरणातील सहसंबध जाणून घेता येतो. ३)क्षेत्रभेद्वारे क्षेत्रभेटीसाठी निवडलेल्या क्षेत्रातील सामाजिक , आर्थिक , ऐतिहासिक आणि सांस्कृतिक या परिस्थितींचा अभ्यास करता येतो

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