क्षेत्रवाद के किन्ही दो गुणों को उजागर कीजिए।
Answers
क्षेत्रवाद के दो गुण इस प्रकार हैं...
- इसमें किसी क्षेत्र विशेष के हितों को महत्व दिया जाता है, जिससे उस क्षेत्र के विकास की संभावना बढ़ती है।
- सांस्कृतिक विरासत में अधिक भिन्नता होने के कारण इसके प्रभाव अत्यंत तीव्र होता है।
Explanation:
क्षेत्रवाद एक ऐसी प्रवृत्ति है जिसमें किसी क्षेत्र विशेष के लोग आर्थिक. सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से और अधिक शक्तियों की मांग करते हैं। वह किसी क्षेत्र विशेष के लिए विशेष अधिकारों की मांग करते हैं। क्षेत्रवाद किसी क्षेत्र विशेष के क्षेत्रीय स्वार्थों की पूर्ति करना वाला एक व्यवहार है। यह किसी प्रांत या किसी प्रांत के विशेष क्षेत्र या भाषा संबंधी क्षेत्र से लगाव रखने वाला व्यवहार है। क्षेत्रवाद किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए उचित नहीं है, बल्कि अधिकतर ये कुछ स्वार्थी लोगों के लिए अपनी स्वार्थी हितों की पूर्ति का साधन बनकर रह जाता है। क्षेत्रवाद से किसी क्षेत्र मे अलगावाद की प्रवृत्ति जन्म लेती है। कभी-कभी क्षेत्रवाद देश की अखंडता के लिये खतरा बन जाता है।
क्षेत्रवाद के दो गुण इस प्रकार हैं...
1. इसमें किसी क्षेत्र विशेष के हितों को महत्व दिया जाता है, जिससे उस क्षेत्र के विकास की संभावना बढ़ती है।
2. सांस्कृतिक विरासत में अधिक भिन्नता होने के कारण इसके प्रभाव अत्यंत तीव्र होता है।