क्षेत्रवाद से होने वाले दुष्प्रभाव बताइए 1000 शब्दों में
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आज हमारे देश में क्षेत्रवाद एक गंभीर समस्या बनकर उभरी हैं .कही लोग ने राज्य की मांग कर रहे हैं तो कही दुसरे प्रदेशो से आय लोगो को मारपीट कर भगा रहे हैं. दुसरे प्रदेशो के लोगो के साथ अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं .यह ध्यान देने योग्य बात यह हैं की जो दुसरे प्रदेशो से आये लोगो के साथ मारपीट कर रहे हैं वे किसी संगठन या राजनीतिक दल के सदस्य होते हैं . उन्हें आम लोगो का समर्थन प्राप्त नहीं प्राप्त होता हैं .
कुछ समय पहले महाराष्ट्र ,असम आदि राज्यों में दुसरे प्रदेशो से आये लोगो के साथ अभद्र व्यवहार किया गया. उनके साथ मारपीट किया गया. एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओ ने उत्तर भारतीयों के साथ काफी अपमानजनक व्यवहार किया गया . रेलवे की परीक्षा देने गये छात्रो के साथ मारपीट की गई.छात्रो को दौरा- दौरा कर पीटा गया. कुछ टेलीविजन चैनल ने साफ तौर यह दिखाया की छात्र जब बचने के लिए स्टेशन परिसर में घुसे तो उन्हें वहा भी दौरा- दौरा कर पीटा गया जबकि वहा खड़ी रेल पुलिस मूकदर्शक बनी रही .
असम में उत्तर भारत के लोगो को गोलियो से भुन दिया गया.जो लोग दो जून की रोटी के लिए अपने घर परिवार से दूर दुसरे प्रदेशो में काम कर अपने परिजनो का पेट पालने के लिए पैसे भेजते हैं . वे लोग ईट भट्टो पर काम कर के किसी तरह अपने जीवन का निर्वाह कर रहे थे. कुछ दूध बेचकर जीवन का निर्वाह कर रहे थे. महाराष्ट्र के उदंड राजनितिक दल के अध्यक्ष कहते हैं कि मुंबई मराठियो के लिए .असम के संगठन कहता हैं कि असम असमियो के लिए जो सीधा -सीधा संविधान का अपमान हैं .कुछ दिन बाद ये लोग यह कहने लगे की मुंबई और असम भारत का हिस्सा नहीं हैं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए. इन लोगो की छुद्र राजनितिक के कारण हमारे देश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ती दिखाई दे रही हैं .इन लोगो की छुद्र राजनीति के कारण हमारा देश संकट में पड़ता दिखाई दे रहा हैं . इन राजनितिक दलों और संगठनो के खिलाफ कड़ी से कड़ी किया जाना चाहिए.
संविधान में यह वर्णित हैं की भारत के किसी राज्य के लोग भारत के किसी राज्य में काम कर सकता हैं या (जम्मू -कश्मीर को छोड़कर क्यूँ की जम्मू -कश्मीर का अपना संविधान हैं ) बस सकता हैं .आजादी के बाद भारत को संगठित करने के उद्देश्य से सरकार ने एकहरी नागरिकता प्रणाली की व्यवस्था की .संविधान के उद्देशिका में "हम भारत के लोग" शब्द का प्रयोग किया गया हैं जब की अमेरिका के संविधान में "हम
संयुक्त राज्य अमेरिका" का प्रयोग किया गया हैं. वहा दोहरी नागरिकता का प्रावधान किया गया हैं .संविधान में एकल नागरिकता ,एकल न्यायपालिका ,शक्तिशाली केंद्र ,अखिल भारतीय सेवा की व्यवस्था की गई ताकि क्षेत्रवाद का ज्वार न फुट्टे लेकिन स्थानीय नेताओ की स्वार्थपरक राजनीति ने क्षेत्रवाद को बढ़ावा दिया. क्षेत्रीय नेताओ ने अपनी भूमिका को बनाये रखने के लिए अंग्रेजो द्वारा प्रतिपादित "फूट डालो और राज करो" की नीति अपना ली हैं .
क्षेत्रवाद के प्रमुख कारण
. 1 .पृथक (अलग ) राज्यों की मांग
2 .असंतुलित विकास
3 .संस्कृति में असमानता
4 . बाहरी शक्तियों द्वारा प्रोत्साहन
5 .भाषा सम्बन्धी विवाद
6 .राजनेताओ का स्वार्थपूर्ण लक्ष्य
7 .क्षेत्रियो दलो का विकास