कोष्ठकाद् एकमुत्तरं चित्वा लिख्यताम्
अप्सु किम् न समुत्सृजेत् (विषाणि/निर्विषाणि)
Answers
Answered by
1
A) चरित्रहीन धनवान् भी दुर्दशा को प्राप्त होता है।
Similar questions