History, asked by iamdivyaaa, 15 days ago

कृषि वाणिज्यीकरण किसे कहते हैं ? ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?​

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Answered by aparnabasak30
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19वीं सदी में कृषि का वाणिज्य करण हो गया । किसानों को वही फसल उगाने पढ़ते थे , जिसकी अंग्रेज मांग करते थे। जैसे कि कपास , गन्ना , अफीम , नील इत्यादि । उन दिनों लगभग 1750 ईसवी में इंग्लैंड में औद्योगिकरण हो गया था। वी भारत से कब पास कम कीमत पर खरीद के इंग्लैंड भेज देते थे और वहां का बना सूती वस्त्र पुनः भारत में बेचते थे । उसी तरह से नील उगाने पर भी किसानों को मजबूर किया जाता था। इसके अलावा वह अफीम की खेती किसानों से करवाते थे । चीनी मिलों के लिए वे किसानों से गन्ना भी उगाते थे पहले किसान गन्ने से गुड़ बनाते थे पर अब उन्हें गन्ना इन लोगों को बेचना पड़ता था।

ऐसे भारतीय धन की निकासी ब्रिटेन में होने लगी किसानों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई।

Answered by ganngeshtha
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कृषि के क्षेत्र में किसानों द्वारा खाद्यान् फसल के रूप में व्यपारिक फसल बोना कृषि वाणिज्यीकरण कहलाता है।

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