कृषक द्वारा उत्पादन के साधनों को किए गए भुगतान के नाम चाहिए
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भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों का योगदान 2007-08 और 2008-09 के दौरान क्रमशः 17.8 और 17.1 प्रतिशत रहा। हालांकि कृषि उत्पादन मानसून पर भी निर्भर करता है, क्योंकि लगभग 55.7 प्रतिशत कृषि-क्षेत्र वर्षा पर निर्भर है।
वर्ष 2008-09 के चौथे पूर्व आकलन के अनुसार खाद्यान्न का उत्पादन 238.88 करोड़ टन होने का अनुमान है। ये पिछले वर्ष की तुलना में 1 करोड़ 3.1 लाख टन अधिक है। चावल का उत्पादन 9 करोड़ 91 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष की तुलना में 24 लाख टन अधिक है। गेहूं का उत्पादन 8 करोड़ 5 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20 लाख टन अधिक है। इसी तरह मोटे अनाज का उत्पादन 3 करोड़ 94 लाख टन होने की उम्मीद है, एवं दलहन का उत्पादन एक करोड़ 46 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है जो वर्ष 2007-08 की तुलना में 0.99 लाख टन अधिक है। गन्ने का उत्पादन 2712.54 लाख टन होने की उम्मीद है, जो वर्ष 2007-08 की तुलना में 769.34 लाख टन कम है। कपास का उत्पादन 231.56 लाख गांठें अनुमानित है (प्रत्येक गांठ का वजन 170 किलोग्राम) जो वर्ष 2007-08 की तुलना में 27.28 लाख गांठें अधिक है। 2008-09 के दौरान जूट एवं मेस्टा की पैदावार 104.07 लाख गांठें (प्रत्येक गांठ का वजन 180 किलोग्राम) होने का अनुमान है, जो वर्ष 2007-08 की तुलना में 8.04 लाख गांठ कम है।
वर्ष 2008-09 के दौरान खाद्यान्नों का फसल क्षेत्र एक करोड़ 23 लाख हेक्टेयर रखा गया है, जबकि पिछले वर्ष यह क्षेत्र 1.24 करोड़ हेक्टेयर था। चावल का फसल क्षेत्र 453.52 लाख हेक्टेयर रखा गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 14.37 लाख हेक्टेयर अधिक है। गेहूं का फसल क्षेत्र वर्ष 2008-09 में 278.77 लाख हेक्टेयर अनुमानित है, जो वर्ष 2007-08 के गेहूं के फसल क्षेत्र से 1.62 लाख हेक्टेयर कम है। मोटे अनाज का फसल क्षेत्र वर्ष 2008-09 में 276.17 लाख हेक्टेयर अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 8.64 लाख हेक्टेयर कम है।
अनाजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 2008-09 में 2007-08 के मुकाबले बढ़ोतरी 8 प्रतिशत (गेहूं) से लेकर 52.6 प्रतिशत (रागी) तक हुई। साधारण धान के मामले बढ़ोतरी 31.8 प्रतिशत, दालोमें 8.1 प्रतिशत (चना) और उड़द तथा मूंग में 42.8 प्रतिशत रही।