क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हो |
उसको क्या, जो दन्तहीन,
विषरहित, विनीत, सरल हो?
सहनशीलता, क्षमा, दया को
तभी पूजता जग है,
बल का दर्प चमकता उसके
पीछे जब जगमग है।
जहाँ नहीं सामर्थ्य शोध की,
क्षमा वहाँ निष्फल है।
गरल-जूंट पी जाने का
मिस है, वाणी का छल है।
(क) क्षमा किस सर्प को शोभा देती है?
(ख) क्षमा कब निष्फल हो जाती है?
(ग) पद्यांश का शीर्षक लिखिए।
(घ) निष्फल का विलोम शब्द लिखिए
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(I)क्षमा उसी सर्प को शोभा देती है जिसके पास गरल अर्थात् जहर हो
(iv) सफल
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1. shama us sarp ko shobha deti h jo balshali ho...artaht vishela hoo...
2. no idea
3. shama or sakti
4. safal.
hope it will help u
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