Hindi, asked by rachnasetia3345, 4 days ago

किताब हमारे मित्र घोषवाक्य

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Answered by shyamsundersiddh14
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Answer:

अम्बर सी ऊंचाई भी है,

एक ख्वाबों की दुनिया है

तो अत्यधिक सच्चाई भी है

इतिहास समेटू चंद पन्नों पर

तो आज का आइना भी दिखलाऊँ मैं,

रहती हूँ खामोश तो अक्सर

मगर भविष्य भी बन जाऊँ मैं

हर विकास की जड़ भी मैं

तो समस्त शिक्षित की नींव हूँ,

किसी के लिए समस्या बनूँ

तो किसी के लिए समाधान भी हूँ

व्यक्त न हो पाएं जज़्बात जो

उनके लिए वक्ता भी हूँ,

हर पीड़ा की दवा हूँ

तो हर धनवान का स्त्रोत भी हूँ

परम मित्र भी बन जाऊँ मैं

सर्वश्रेष्ठ सलाहकार हूँ,

अकेलेपन की साथी भी हूँ

हाँ, ऐसी मैं एक किताब हूँ

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