Hindi, asked by aayushi49, 7 months ago

किताबें झाँकती हैं बंद अलमारी के शीशों से,
बड़ी हसरत से तकती हैं।
महीनों अब मुलाकातें नहीं होतीं,
जो शामें उनकी सोहबत में कटा करती थीं
अब अक्सर .....
आधेलर
बीतना
गुजर जाती हैं कंप्यूटर के पदों पर
बड़ी बेचैन रहती हैं किताबें .......
उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है
जो कदरें वो सुनाती थी
कि जिनके 'सेल' कभी मरते नहीं थे,
वो कदरें अब नजर आती नहीं घर में,
जो रिश्ते वो सुनाती थीं।​

Answers

Answered by Harshbut35
5

Answer:

Thank you so much for giving us a shayari

Answered by Anonymous
2

Answer:

class .........and thx for point

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