किताबों कि पास रहना चाहती ह?
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प्रस्तुत कविता 'किताबें कुछ कहना चाहती हैं' के माध्यम से कवि हाश्मी जी ने किताबों के द्वारा मन की बातों का मानवीकरण करके प्रस्तुत किया है। ... कवि कहते हैं कि किताबें पुराने समय से लेकर आज तक के संसार के सुख और दुख की बातें हमें बताती हैं।
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इस कविता के माध्यम से कभी हमें बताया जाता है कि प्राणी जवानी से अब तक सारी सुख दुख की बातें किताबें हमसे करती हैं
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