कोटि कुलिस सम वचन तुम्हारा ।व्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा ।। पंक्ति में निहित रस बताएं
Answers
Answered by
0
¿ कोटि कुलिस सम वचन तुम्हारा । व्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा ।। पंक्ति में निहित रस इस प्रकार होगा..
कोटि कुलिस सम वचन तुम्हारा। व्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा।
रस ➲ वीर रस
स्थायी भाव ➲ उत्साह
✎... इन पंक्तियों में वीर रस की प्रधानता है। वीर रस की उत्पत्ति वहाँ पर होती है जब किसी शत्रु को देखकर या दिन हिना की दुर्दशा को देखकर या धर्म की हानि को देखकर उसके प्रति आक्रोश का भाव उत्पन्न हो और हृदय में उत्साह का भाव जागृत हो। वीर रस का स्थायी भाव उत्साह होता है।
इन पंक्तियों मे लक्ष्मण परशुराम की धमकी भरी बातों का उत्साहित और क्रोधित होकर उत्तर दे रहे हैं, इस कारण वीर रस की उत्पत्ति हो रही है।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Similar questions
Math,
4 months ago
Math,
4 months ago
Math,
4 months ago
English,
9 months ago
Accountancy,
1 year ago