Hindi, asked by anujrawatrawat152, 7 months ago

कोटि कुलिस सम वचन तुम्हारा ,व्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा।।

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Answered by shishir303
8

¿ कोटि कुलिस सम वचन तुम्हारा ,व्यर्थ धरहु धनु बान कुठारा।

✎... ये पंक्तियां लक्ष्मण द्वारा परुशुराम के लिये कही गयी हैं। जब सीता स्वयंवर में शिवजी का धनुष टूटने पर परशुराम वहाँ आ जाते हैं, तो उनका लक्ष्मण से वाद-विवाद हो जाता है। लक्ष्मण के साथ वाद-विवाद में वे लक्ष्मण को कठोर स्वर में चेतावनी देते हैं। तो लक्ष्मण ने भी उनकी चेतावनी वाली कठोर बातों का प्रतिउत्तर कठोरता से देते हुए व्यंग्य करते हुए कहते हैं, कि आपकी तो वाणी ही करोड़ों वज्रों के समान है। जो किसी का भी नाश कर सकती है, फिर यह आप यह धनुष बाण और कुठार यानि फरसा व्यर्थ ही धारण करते हैं।  

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Answered by ushamisha5923
1

Answer:

लक्ष्मण द्वारा परशुराम

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