कुटिल कंकडों की कर्कश रज, घिस घिस कर सारे तन में, किस निर्मम निर्दयी ने मुझको, बाँधा है इस बंधन में। फांसी सी है पड़ी गले में, नीचे गिरता जाता हूँ, बार बार इस महाकूप में, इधर उधर टकराता हूँ। ऊपर नीचे तम ही तम है, बंधन है अवलम्ब यहाँ, ये भी नहीं समझ में आता, गिरकर मैं जा रहा कहाँ। काँप रहा हूँ विवश करूँ क्या, नहीं दीखता एक उपाए, ये क्या ये तो श्याम नीर है, डूबा अब डूबा मैं हाय। चला जा रहा हूँ ऊपर अब, परिपूरित गौरव लेकर, क्या उऋण हो सकूँगा मैं, ये नवजीवन भी देकर? - सुमित्रानंदन पन्त meaning
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The hoarse secret of crooked pebbles, rubbing and rubbing all over the body, Which ruthless cruel person has tied me in this bond. It's like hanging around the neck, I keep falling down, again and again in this great well, I bump here and there. Above and below there is only you, there is bondage and support here, I don't even understand this, where am I going after falling. I am trembling, what should I force, I don't see any solution, what is this, this is black water, now I am drowned. I am going up now, with fulfilled pride, what debt can I be, even by giving this new life? - Sumitranandan Pant
- अनुवाद लक्ष्य भाषा में लिखे गए पाठ के माध्यम से स्रोत भाषा में लिखे गए पाठ के अर्थ को संप्रेषित करने की प्रक्रिया है। अंग्रेजी भाषा अनुवाद करने के बीच एक पारिभाषिक भेद करती है जो एक लिखित पाठ का अनुवाद करने का कार्य है और विभिन्न भाषाओं के बोलने वालों के बीच मौखिक या प्रतीकात्मक रूप से संवाद करने का कार्य है। इस भेद के अनुसार, अनुवाद तभी शुरू हो सकता है जब एक भाषा समुदाय के भीतर लेखन का आविष्कार हो गया हो।
- हमेशा एक मौका होता है कि एक अनुवादक अनायास ही स्रोत-भाषा शब्दावली, व्याकरण, या वाक्य-विन्यास को लक्ष्य-भाषा प्रतिपादन में व्यक्त कर देगा। दूसरी ओर, इन "स्पिल-ओवर" ने कभी-कभी मूल भाषा से लाभकारी कैलक और लोनवर्ड लाए हैं जिससे प्राप्तकर्ता भाषाओं में सुधार हुआ है। जिन भाषाओं में उन्होंने अनुवाद किया है, उन्हें अनुवादकों, विशेष रूप से पवित्र लेखों के शुरुआती अनुवादकों द्वारा सफलतापूर्वक आकार दिया गया है।
यहाँ, दी गई जानकारी के अनुसार, यहाँ दिया गया वाक्य है,
कुटिल कंकडों की कर्कश रज, घिस घिस कर सारे तन में, किस निर्मम निर्दयी ने मुझको, बाँधा है इस बंधन में। फांसी सी है पड़ी गले में, नीचे गिरता जाता हूँ, बार बार इस महाकूप में, इधर उधर टकराता हूँ। ऊपर नीचे तम ही तम है, बंधन है अवलम्ब यहाँ, ये भी नहीं समझ में आता, गिरकर मैं जा रहा कहाँ। काँप रहा हूँ विवश करूँ क्या, नहीं दीखता एक उपाए, ये क्या ये तो श्याम नीर है, डूबा अब डूबा मैं हाय। चला जा रहा हूँ ऊपर अब, परिपूरित गौरव लेकर, क्या उऋण हो सकूँगा मैं, ये नवजीवन भी देकर? - सुमित्रानंदन पन्त
इसका अंग्रेज़ी में अनुवाद करने पर यह होगा,
The hoarse secret of crooked pebbles, rubbing and rubbing all over the body, Which ruthless cruel person has tied me in this bond. It's like hanging around the neck, I keep falling down, again and again in this great well, I bump here and there. Above and below there is only you, there is bondage and support here, I don't even understand this, where am I going after falling. I am trembling, what should I force, I don't see any solution, what is this, this is black water, now I am drowned. I am going up now, with fulfilled pride, what debt can I be, even by giving this new life? - Sumitranandan Pant.
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