कृत प्रत्यय उदाहरणार्थ सहितं लिखत
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कृत् प्रत्यय (कृदन्त)
वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप धातु के साथ जुडकर संज्ञा, विशेषण आदि नए शब्दों का निर्माण करते है, वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं
लिख् + अक = लेखक
पढ़+ आकू - पढ़ाकू
चु+ आव- चुनाव
कृत् प्रत्यय के उदाहरण
» पठ (धातु) + तव्य (कृत् प्रत्यय) = पठितव्यम्
» तेन संस्कृत पठितव्यम् । (उसे संस्कृत पढ़ना चाहिए।)
कृत् प्रत्यय के भेद
कृत् प्रत्यय मुख्य रूप से सात प्रकार के होते हैं- तव्यत्, तव्य, अनीयर, ण्यत्, यत्, क्यप्, और केलिमेर् ।
प्रयोग की दृष्टि से कृत् प्रत्यय के प्रकार प्रयोग की दृष्टि से प्रमुख कृत् प्रत्यय इस प्रकार हैं
1. तुमुन् प्रत्यय
2. अनीयर प्रत्यय
3. तव्यत् त्यय
4. क्त्वा प्रत्यय
5. शानच् त्यय
6. शत प्रत्यय
Explanation:
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कृत् प्रत्यय (कृदन्त)
वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप धातु के साथ जुडकर संज्ञा, विशेषण आदि नए शब्दों का निर्माण करते है, वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं
लिख् + अक = लेखक
पढ़+ आकू - पढ़ाकू
चु+ आव- चुनाव
कृत् प्रत्यय के उदाहरण
» पठ (धातु) + तव्य (कृत् प्रत्यय) = पठितव्यम्
» तेन संस्कृत पठितव्यम् । (उसे संस्कृत पढ़ना चाहिए।)
कृत् प्रत्यय के भेद
कृत् प्रत्यय मुख्य रूप से सात प्रकार के होते हैं- तव्यत्, तव्य, अनीयर, ण्यत्, यत्, क्यप्, और केलिमेर् ।
प्रयोग की दृष्टि से कृत् प्रत्यय के प्रकार प्रयोग की दृष्टि से प्रमुख कृत् प्रत्यय इस प्रकार हैं
1. तुमुन् प्रत्यय
2. अनीयर प्रत्यय
3. तव्यत् त्यय
4. क्त्वा प्रत्यय
5. शानच् त्यय
6. शत प्रत्यय
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