कृति ४ : (स्वमत अभिव्यक्ति)
• भ्रष्ट आचरण समाज के विकास में बाधक है, ' विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
Answers
भ्रष्टाचार के कारण आर्थिक विकास में मन्दी आती है क्योंकि भ्रष्टाचार बढने पर निजी निवेश घटने लगता है।भ्रष्टाचार के कारण उत्पादक क्रियाओं से मिलने वाला लाभ (रिटर्न) कम हो जाता है।भ्रष्टाचार के कारण असमानता में वृद्धि होती है। एक दूसरी और अधिक व्यापक परिभाषा यह है कि निजी या सार्वजनिक जीवन के किसी भी स्थापित और स्वीकार्य मानक का चोरी-छिपे उल्लंघन भ्रष्टाचार है। विभिन्न मानकों और देशकाल के हिसाब से भी इसमें तब्दीलियाँ होती रहती हैं। मसलन, भारत में रक्षा सौदों में कमीशन ख़ाना अवैध है इसलिए इसे भ्रष्टाचार और राष्ट्र- विरोधी कृत्य मान कर घोटाले की संज्ञा दी जाती है। भ्रष्टाचार का मुद्दा एक ऐसा राजनीतिक प्रश्न है जिसके कारण कई बार न केवल सरकारें बदल जाती हैं। बल्कि यह बहुत बड़े-बड़े ऐतिहासिक परिवर्तनों का वाहक भी रहा है।समाज-वैज्ञानिक विमर्श में भ्रष्टाचार से संबंधित समझ के बारे में कोई एकता नहीं है। पूँजीवाद विरोधी नज़रिया रखने वाले विद्वानों की मान्यता है कि बाज़ार आधारित व्यवस्थाएँ ‘ग्रीड इज़ गुड’ के उसूल पर चलती हैं, इसलिए उनके तहत भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी होनी लाज़मी है।
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■■भ्रष्ट आचरण समाज के विकास में बाधक है।■■
भ्रष्टाचार हमारे समाज को मिला हुआ शाप है।भ्रष्ट आचरण की वजह से हमारा देश प्रगति नही कर पाता।इसके वजह से काफी लोगों के साथ अन्याय होता है,बेरोजगारी की संभावना बढ़ जाती है।
भ्रष्टाचार की वजह से देश का विकास नही हो रहा,विदेशी निवेश कम हो रहा है,देश की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है।
भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से लोगों को अच्छी सुविधाएं नही मिल पाती।भ्रष्ट आचरण की वजह से योग्य और गरीब उम्मेदवार को काम नही मिल पाता।
इसलिए,भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हमें एकजुट होना चाहिए।भ्रष्ट लोगों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और ऐसे लोगों को सख्त सजा होनी चाहिए।