कृति ४: (स्वमत अभिव्यक्ति)
• 'स्वार्थ मनुष्य को अंधा कर देता है, ' विषय पर अपने विचार लिखिए।
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■■ "स्वार्थ मनुष्य को अंधा कर देता है"।■■
स्वार्थ इंसान को मतलबी बना देता है।स्वार्थी मनुष्य सिर्फ अपने बारे में ही सोचता है,किस तरह से खुद का फायदा होगा,इसी सोच में वह डूबा रहता है।वह दूसरों के बारे में बिल्कुल भी नही सोचता।
स्वार्थी इंसान दूसरे लोगों की भावनाओं की कदर नही करता,स्वार्थ उसे अंधा बना देता है।वह सही गलत के बीच का फरक नही कर पाता,क्योंकि उसे तो सिर्फ किसी भी तरह अपने लक्ष्य तक पहुंचना होता है।
स्वार्थ इंसान को भ्रष्ट बना देता है।वह इंसान के हृदय को गलत विचारों से भर देता है।स्वार्थी इंसान अपने सिद्धांतों को भूल जाता है। इसलिए, कहा गया है कि "स्वार्थ इंसान को अंधा बना देता है"।
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