Social Sciences, asked by bidamikumari67, 11 months ago

कंटक शोधन न्यायालय किसे कहते है​

Answers

Answered by mridulsinghal09
0

Answer:कहा जाता था, उसी प्रकार कण्टक शोधन न्यायालय के न्यायाधीशों को ' प्रदेष्टा' कहते थे।

Explanation:

Answered by skyfall63
2

कंटकशोधन न्यायालय मौर्य कालीन शासन व्यवस्था का एक अंग था। मौर्य काल में ग्रामसंघ और राजा के न्यायलय के अतिरिक्त अन्य सभी न्यायलय दो प्रकार के थे-

1) कंटकशोधन

2) धर्मस्थीय

Explanation:

अर्थशास्त्रा के अनुसार, मौर्य साम्राज्य में  दो प्रकार के न्यायालय थे

1. धार्मिक न्यायालय और

2. कंटकशोधन

  • धर्मस्थीय न्यायालयों का न्याय-निर्णय, धर्मशास्त्र में निपुण तीन धर्मस्थ या व्यावहारिक तथा तीन अमात्य करते थे। इन्हें एक प्रकार से दीवानी अदालतें कह सकते हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार ये वे न्यायालय थे, जो व्यक्तियों के पारस्परिक विवाद के सम्बन्ध में निर्णय देते थे।
  • कंटकशोधन न्यायालय के न्यायधीश तीन प्रदेष्ट्रि तथा तीन अमात्य होते थे और राज्य तथा व्यक्ति के बीच विवाद इनके न्याय के विषय थे। इन्हें हम एक तरह से फ़ौज़दारी अदालत कह सकते हैं।
  • धर्मस्थीय तथा कंटकशोधन न्यायालयों के बीच भेद इतना स्पष्ट नहीं था। अवश्य ही धर्मस्थीय अदालतों में अधिकांश वाद-विषय विवाह, स्त्रीधन, तलाक़, दाय, घर, खेत, सेतुबंध, जलाशय-सम्बन्धी, ऋण-सम्बन्धी विवाद भृत्य, कर्मकर और स्वामी के बीच विवाद, क्रय-विक्रय सम्बन्धी झगड़े से सम्बन्धित थे। किन्तु चौरी, डाके और लूट के मामले भी धर्मस्थीय अदालत के सामने पेश किए जाते थे।
  • समाज विरोधी तत्वों को समुचित दंड देने का कार्य मुख्यतः कंटकशोधन न्यायालयों का था। नीलकंठ शास्त्री के अनुसार कंटकशोधन न्यायालय एक नए प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाए गए थे ताकि एक अत्यन्त संगठित शासन तंत्र के विविध विषयों से सम्बद्ध निर्णयों को कार्यान्वित किया जा सके। वे एक प्रकार के विशेष न्यायालय थे, जहाँ अभियोगों पर तुरन्त विचार किया जाता था।

To know more

Explain the main features of the Mauryan administration. - Brainly.in

https://brainly.in/question/15302635

Similar questions