काटकसर करन
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फोटो अरविंद भट्ट के नाम से
छिंदवाड़ा। माटी के रंग से रची ऑनलाइन कार्यशाला दिन प्रतिदिन जिले के वरिष्ठ रंग कर्मियों एवं साहित्यकारों के अनुभवों से संचालित हो रही है। जिसमें नवोदित कलाकार लाभांवित हो रहे हैं। किरदार सचिव ऋषभ स्थापक ने बताया कि किरदार संस्थान व ओम मंच पर अस्तित्व के साझा प्रयास से आयोजित कार्यशाला माटी के रंग किरदार के संग के माध्यम से जिले के अनुभवशील रंगकर्मियों एवं साहित्यकारों के माध्यम से नई पीढ़ी को लाभ प्राप्त हो रहा है। इस कार्यशाला के सातवें सत्र में विशेष अतिथि प्रख्यात कहानीकार एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित दिनेश भट्ट उपस्थित रहे।दिनेश भट्ट ने बताया कि नाटकों को विभिन्ना प्रकार से मंचित किया जाता है जिसमें लिखे हुए नाटक में दृश्य, ध्वनि, पात्र सहित अन्य सभी संरचना लेखक द्वारा पूर्व से ही लिखी जाती है एवं नाटक के संवाद कहानी के मूल तत्व के साथ चलते हैं। परंतु इसके विपरीत कहानी का नाट्य मंचन बड़ी चुनौती होता है। कहानी की मूल भावना को बनाए रखते हुए मंचन करना शामिल है। कहानी पाठक पढ़ते समय स्वयं दृश्य की कल्पना करते हुये मर्म तक पहुंचते हैं। कहानी के रंगमंच की विशेषता है कि इसे कम संसाधनों में भी किया जा सकता है साथ ही सूत्रधार के माध्यम से कहानी को सहजता से नाटक में परिवर्तित किया जा सकता है। श्री भट्ट ने बताया कि कहानी के रंगमंच का इतिहास पांच दशक पुराना है। वर्ष 1975 में देवेंद्र राज अंकुर ने निर्मल वर्मा की तीन कहानियों को सम्मिलित करके नाट्य मंचन किया था। कहानी रंगमंच के बढ़ते स्वरूप अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में कहानी का रंगमंच पृथक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है । ईद की दावत, उसने कहा था, डिप्टी कलेक्टर ऐसी प्रमुख कहानियां है जिनका मंचन किया जाता रहा है। छिंदवाड़ा भी कहानी के मंचन में पीछे नही रहा है। दिनेश भट्ट द्वारा लिखित कहानी अंतिम बूढ़े का लाफ्टर डे के कई मंचन हो चुके हैं वहीं मंटो द्वारा लिखित कहानियों एवं मुंशी प्रेमचंद की कहानी कफ़न के अनेक मंचन युवा रंगकर्मी शिरिन आनंद दुबे के निर्देशन में ओम् संस्था द्वारा किए जा चुका है। इसके साथ ही किरदार से संस्थान द्वारा भी कहानियों का मंचन किया जाता रहा है। देश के प्रख्यात साहित्यकार दिनेश भट्ट का जन्म छिंदवाड़ा लिे के एक छोटे से ग्राम इकलहरा में हुआ, बचपन से ही साहित्य में रुचि रखने वाले श्री भट्ट का नाम आज देश के चुनिंदा कहानीकारों में शुमार है। श्री भट्ट पेशे से एक शिक्षक हैं। उनकी कुछ प्रसिद्ध कृतियां सफेद धारियों वाला कोट ( कहानी संग्रह ),नई सदी - बाजार , समाज और शिक्षा ( वैचारिक पुस्तक )जानो तब मानो (विज्ञान पुस्तक ) साहित्य का एक अनमोल खजाना है।