Hindi, asked by Anonymous, 4 months ago

कितना भी चाहो ना भूला पाओगे
हमसे जितना दूर जाओ नज़दीक पाओगे
हमे मिटा सकते हो तो मिटा दो
यादें मेरी, मगर
क्या सपनो से जुदा कर पाओगे...

हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे,
बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे,
एक पल मे किसी को भुला ना देना,
ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे….

इंसान के कंधों पर इंसान जा रहा था,
कफ़न में लिपटा अरमान जा रहा था,
जिसे भी मिली बेवफ़ाई मोहब्बत में,
वफ़ा की तलाश में श्मशान जा रहा था।


going to oflin. ​

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Answered by ananya67890
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कितना भी चाहो ना भूला पाओगे

हमसे जितना दूर जाओ नज़दीक पाओगे

हमे मिटा सकते हो तो मिटा दो

यादें मेरी, मगर

क्या सपनो से जुदा कर पाओगे...

हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे,

बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे,

एक पल मे किसी को भुला ना देना,

ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे….

इंसान के कंधों पर इंसान जा रहा था,

कफ़न में लिपटा अरमान जा रहा था,

जिसे भी मिली बेवफ़ाई मोहब्बत में,

वफ़ा की तलाश में श्मशान जा रहा था।

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Answered by Anonymous
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ખબર નહિ યાર હવે બધાની મગજની પત્તર ઠોકાઈ ગઈ છે યાર. કશું ખબર નઇ

તું પણ જાય છે અંજુ ને bf jode zagdo, mitu depressed chhe.

badha Jai to hu jaavvvvvv ok

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