कितने ज्ञान होते हैं उनके प्रकार बताइए
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Explanation:
ज्ञान यानि ‘’KNOWLEDGE’’ मनुष्यों में ‘’चेतना वृद्धि'’ प्रकट होने [VITAL CONSCIOUS EXPANSION] को कहते हैं जिससे वेह इस तीन गुणों [सत्व. राजस, और तामस गुण] से व्याप्त हुई प्रपंच्म्यी सृष्टि [FIVE FOLD MATRIX] में द्वेत यानि ‘’POLARITY DUALITY’’ को भली भांति समझते हुए अपना मनुष्य रूपी जीवन शांति पूर्वक व्यतीत कर सके, और इस सोर मंडल स्तिथ पृत्वी ग्रेह [PLANET EARTH] पर समस्त प्रकार की ‘’ज्ञान'’ प्राप्ति के लिए हर मनुष्य जाने अनजाने में सिर्फ ‘’तीन प्रकार की मुख्य शक्तियों’’ [THREE VITAL ENERGIES CONSTANTLY PERMEATING THE THREE WORLDS OR TRILOKA] का उपयोग करता है जिन्हें प्राचीन ऋषि मुनियों द्वारा ‘’इच्छा शक्ति, ज्ञान शक्ति एवं क्रिया शक्ति’’ के नाम से जाना गया है, और मनुष्यों में ज्ञान विकास मुख्यता से हमारे सोर मंडल स्तिथ सूर्य के प्रकाश से, जो दुसरे सोर मंडलों की उर्जा को धारण कर उनहे एक TRANSFORMER समान ‘’घटा बड़ा’’ कर समस्त सोर मंडल में लगातार भेजता है, और पृथ्वी की चुम्बकीय किरणों से तथा चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण से भी मनुष्यों के विकसित हो रहे मन पर लगातार असर पड़ता है!
ज्ञान के वास्तव में सात मुख्य प्रकार हैं लेकिन इस पृथ्वी ग्रेह पर उत्पन्न मनुष्यों एवं उनके साथ साथ पनप रहे अद्रश्य देव गणों द्वारा सिर्फ ‘’पांच मुख्य ज्ञान’’’ ही प्राप्त किये जा सकते हैं और यह सात ज्ञान इस प्रकार से हैं !
ज्ञान के साथ प्रकार होते हैं लेकिन इनमें से सिर्फ पांच क्या नहीं प्राप्त हो सकते हैं
Hope it gets a knowledge