Hindi, asked by ayush2005samantray, 7 months ago


कितना प्रमाणिक था उसका दुःख
बेटी को दान में देते वक्त
जैसे वह उसकी अतिम पूँजी हो
लड़की अभी सयानी नहीं थी
अभी इतनी भोली सरल थी कि उसे दुःख का आभास तो होयता था
लेकिन दुःख बांचना नहीं आता था
पाठिका थी वह धुंधले प्रकाश की
कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पक्तियों की ।

1 उपर्युक्त काव्याश में किसके दुःख को प्रामाणिक कहा गया है ?
2 लड़की के कन्यादान के वक्त माँ को क्या अनुभूति हो रही थी ?
3 माँ को अपनी बेटी "अतिम पूंजी " क्यों लग रही थी ?
4 पाठिका थी वह धुंधले प्रकाश की से क्या तात्पर्य है ?​

Answers

Answered by baijumathew75
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Answer:

which chapter is this at least which class toh bholo

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