कितने वर्षों बाद उन्होंने सेम के बीज बोए?
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पन्त ने बचपन में धनवान होने की लालसा में पैसे बोये थे। बहुत समय तक प्रतीक्षा करने पर उनमें से एक अंकुर भी नहीं फूटा तो कवि ने दोष धरती को दिया और उसको बंध्या (बंजर) मान लिया। जब बड़े होने पर उसने सेम के बीज बोये थे। उन पर अगणित फलियाँ उत्पन्न हुईं तो कवि ने समझा उसने गलत बीज बोये थे।
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Explanation:
पन्त ने बचपन में पैसो के लालच मैं पैसे बोये थे बहुत समय तक प्रतीक्षा करने पर उसमें से कुछ भी नहीं मिला तो उसने उस धरती को बंजर मान लिया | जब बड़े होने पर उसने सेम के बीज बोए थे तब उन पर अगणित फलियां उत्पन्न हुई तो कवि न समझा उसने गलत बीज बोया था।
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