केंद्रीय प्रवृत्ति की माप से क्या आशय है
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“केन्द्रिय प्रवृत्ति उस माप को कहते हैं, जो दिये गये आकड़ों (Data) का प्रतिनिधित्व करता है।” “केन्द्रिय प्रवृत्ति के मापों से तात्पर्य औसत मान (Average Value) से होता है।” सांख्यिकी में औसत का अर्थ ही केन्द्रिय प्रवृति की माप से लगाया जाता है।
Answer:
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Explanation:
केन्द्रिय प्रवृत्ति उस माप को कहते हैं, जो दिये गये आकड़ों (Data) का प्रतिनिधित्व करता है।”
दूसरे शब्दों में-
“केन्द्रिय प्रवृत्ति के मापों से तात्पर्य औसत मान (Average Value) से होता है।”
सांख्यिकी में औसत का अर्थ ही केन्द्रिय प्रवृति की माप से लगाया जाता है।
रास के अनुसार-
“केन्द्रिय प्रवृत्ति का मान वह मान है, जो समस्त आकड़ों का श्रेष्ठतम प्रतिनिधित्व करता है"
केंद्रीय बिंदु या केंद्रीय प्रवृत्ति के माप या सांख्यिकीय माध्य कहा जाता है केंद्रीय प्रवृत्ति की प्रमुख माप निम्नलिखित है
1. समांतर माध्य
2.मध्यका या माध्यिका
3.बहुलक या भुयिष्टक
१.गणितीय माध्य --
समान्तर माध्य ,गुणोत्तर माध्य ,हरात्मक माध्य
२.स्थितिक माध्य -- मध्यका व बहुलक (स्थती देखने से ज्ञात हो जाता है)
⚜समान्तर माध्य (Mean)
➖समान्तर माध्य वह मूल्य है जो किसी श्रेणी के समस्त मूल्यों के योग में उसकी संख्याओ का भाग देने से प्राप्त होता हैं
➖परिभाषा– गणितीय मध्यमान भिन्न भिन्न आकड़ों के योग को उनकी संख्या में विभाजित करनें पर प्राप्त मूल्य है।
➖सिम्पसन एवं काफ्का के शब्दों में–
मध्यमान एक लब्धि है, जो कि समूह में पदों के योग को पदों की संख्या से विभाजित करनें पर प्राप्त होता है।
उदाहरण–
संख्याओं 20, 10, 5, 15 10 का मध्यमान Mean ज्ञात कीजिए।
हल- संख्याओं का योग / संख्याओं की संख्या
60/ 4= 15 Answer.
➖मध्यमान के गुण–