Hindi, asked by hemlatanhst, 6 months ago

(क) दीवाने अपने और पराए को क्या समझते हैं ?​

Answers

Answered by stuakshathasenm13596
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Answer:

कवि का यह मानना है कि वे संकल किस्म के मस्त-मौला आदमी दीवाने कभी किसी बँधन में नहीं बँधे है । ... कवि के अनुसार संसार में कोई अपना और कोई पराया नहीं है। वे कहते हैं वे स्वयं इन बंधनों में बंधे थे और स्वयं इन बंधनों को तोड़कर आगे चलते जा रहे हैं तथा इससे वे प्रसन्न हैं और सदा चलते रहना चाहते हैं।

Answered by Chaitanya1696
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हमसे पूछा जाता है कि दीवाने अपने और दूसरों के बारे में क्या सोचते हैं। उत्तर इस प्रकार होगा:

  • यह प्रश्न दीवानों की हस्ती कविता से लिया गया है I
  • भगवतीचरण वर्मा  ने दीवानों की हस्ती कविता लिखा है I
  • इसमें कवि हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताता है।
  • यह कविता है उन्हें  दीवाने माना जाता है।
  • कवि के अनुसार उन्हें  दीवाने इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे कभी किसी बात को दिल से नहीं लगाते।
  • वे हमेशा एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते हैं।
  • ये स्वतंत्रता सेनानी पकड़े जाने से बचने के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं।
  • कवि के अनुसार दीवाने अपने और पराए  को समान रूप से देखते हैं।

#SPJ2

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