(क) ध्यानचंद के चेहरे पर अफसोस के भाव होने पर भी वे मैच खेलते रहे। इसका
क्या कारण था?
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Answer: किसी भी खिलाड़ी की महानता को नापने का सबसे बड़ा पैमाना है कि उसके साथ कितनी किंवदंतियाँ जुड़ी हैं. उस हिसाब से तो मेजर ध्यानचंद का कोई जवाब नहीं है. हॉलैंड में लोगों ने उनकी हॉकी स्टिक तुड़वा कर देखी कि कहीं उसमें चुंबक तो नहीं लगा है.
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